नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में विलंब को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे बवाल के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को स्पष्ट संकेत दिए कि यह सत्र गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद होगा और यह पूरी तरह से नियमित सत्र होगा।
जेटली ने यहां मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र और विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि संसद का यह सत्र नियमित हो लेकिन हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि संसद सत्र और चुनाव की तारीखें एक साथ न पड़ें।
उन्होंने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि लोकतंत्र में चुनाव के समय जनता को संबोधित किया जाता है इसीलिए पहले भी चुनाव के कारण संसद सत्र की तारीखें आगे-पीछे होती रही हैं और सत्र के बीच अवकाश कर उसे दो चरणों में भी संपन्न किया जाता रहा है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा का काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है और हमें जनता के पास प्रचार के लिए जाना है विपक्ष का पता नहीं कि उसे जाना है या नहीं जाना है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से संसद के शीतकालीन सत्र के समय को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि यह गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद या उससे पहले होगा। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रहा है कि वह गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए संसद का सत्र टाल रही है और अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि पहले भी संसद के सत्र चुनाव को देखते हुए बाद में कराए जाते रहे हैं, लेकिन अब जेटली के बयान से स्पष्ट हो गया है कि संसद का शीतकालीन सत्र गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद ही होगा। (वार्ता)