अहमदाबाद। हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) की अपने समुदाय के लिए की गई आरक्षण की मांग को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने बुधवार रात हुई बैठक में उन्हें तीन विकल्प दिए। इसके बाद संगठन के सदस्यों ने कहा कि वे अपने नेताओं और कानून विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर इस पर निर्णय लेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कल हुई बैठक में पीएएएस के सदस्यों को इन विकल्पों की जानकारी दी। रात साढ़े 11 बजे शुरू हुई यह बैठक देर रात दो बजे तक चली।
पीएएएस के संयोजक दिनेश बांभणिया ने बैठक के बाद कहा, 'हमें कांग्रेस पार्टी ने इसके तीन विकल्प दिए हैं कि कैसे हमारे समुदाय को शिक्षण संस्थानों एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान किया जा सकता है।'
बांभणिया ने कहा कि हार्दिक, समुदाय के सामाजिक नेताओं, कानून विशेषज्ञों के साथ इस पर विचार करने से पहले इन विकल्पों को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। विचार के बाद इन्हें समुदाय के सामने रखा जाएगा। अगर समुदाय इन्हें स्वीकार कर लेता है, तो हम इस बारे में कांग्रेस पार्टी को सूचित कर देंगे।
पीएएएस के संयोजक ने कहा कि बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। उन्होंने कहा कि हमने आर्थिक रूप से पिछड़ी श्रेणी के तहत कांग्रेस का आरक्षण प्रस्ताव खारिज कर दिया है क्योंकि वह असंवैधानिक था।
सिब्बल ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस और पीएएएस सदस्यों के बीच आज हुई बैठक से उम्मीद जगी है कि हम आगे एक साथ काम कर सकते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने सभी पहलुओं पर चर्चा की और सब कुछ (पाटीदार समुदाय को आरक्षण प्रदान करने के लिए) संविधान के तहत करेंगे। उन्होंने कहा कि वह अगले दो-तीन दिन में फिर मुलाकात करेंगे।
पाटीदार कोटा आंदोलन के प्रमुख हार्दिक ने पहले मांग रखी थी कि यदि कांग्रेस शिक्षण संस्थानों एवं सरकारी नौकरियों में समुदाय को आरक्षण देने के प्रति प्रतिबद्धता जताती है तो ही वह आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करेंगे। कल बैठक के दौरान हार्दिक मौजूद नहीं थे। उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर फैसला करने के लिए कांग्रेस को सात नवंबर तक का समय दिया था। राज्य में दो चरणों में विधानसभा चुनाव नौ और 14 दिसंबर को होंगे और मतगणना 18 दिसंबर को होगी। (भाषा)