Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

गुजरात में भाई-भतीजावाद-मनीष तिवारी

हमें फॉलो करें गुजरात में भाई-भतीजावाद-मनीष तिवारी
अहमदाबाद , सोमवार, 10 दिसंबर 2012 (18:11 IST)
FILE
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने राज्य में ‘भाई-भतीजावाद के जरिए पूंजीपति’ तैयार किए हैं न कि ‘नया मध्य वर्ग’ जैसा कि दावा किया गया है।

तिवारी ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में कहा कि अपने घोषणापत्र में भाजपा ने एक बहुत ही रोचक बात कही है कि पिछले 11 सालों में उसने गुजरात में नया मध्य वर्ग तैयार किया है, लेकिन हकीकत में पिछले 11 वर्षों में उसने एक विशेष वर्ग तैयार किया है और वह ‘भाई-भतीजावाद के जरिए तैयार किया गया पूंजीपतियों’ का वर्ग है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने औद्योगिकीकरण के नाम पर अपने चहेते उद्योगपतियों को करोड़ों रुपए का लाभ पहुंचाकर ‘भाई-भतीजावादी पूंजीवाद’ को नया अर्थ दिया है। जब उनसे प्रधानमंत्री के इस आरोप पर कि 'भाजपा शासित गुजरात में अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं' पर मोदी के पलटवार के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री कदाचित यह नहीं जानते कि प्रधानमंत्री का भाषण कैसे पढ़ा जाए। यदि उन्होंने प्रधानमंत्री का भाषण ध्यानपूर्वक पढ़ा होता तो उन्हें पता चलता कि प्रधानमंत्री ने गुजरात के सभी वर्गों के बारे में कहा है।

तिवारी ने कहा कि अपने भाषण के एक हिस्से में प्रधानमंत्री ने स्पष्टत: कहा था कि यदि गुजरात की जनता कांग्रेस सरकार चुनती है तो हम गुजरात में सकारात्मक माहौल लाएंगे, जहां समाज के हर वर्ग के लोग आगे बढ़ सकते हैं, उन्नति कर सकते हैं और गर्व के साथ रह सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कल वनसाड, नवसारी में अपने भाषण में आरोप लगाया था कि गुजरात में लोग खासकर अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

मोदी ने असम की हिंसा का मुद्दा उठाकर उन पर पलटवार किया था, जहां से सिंह राज्यसभा के लिए निर्वाचित हैं। तिवारी ने राज्य सरकार से कुछ सवाल भी किए। उन्होंने कहा कि हम गुजरात की भाजपा सरकार से पूछना चाहते हैं कि यदि राज्य में 11 साल में इतना विकास एवं वृद्धि हुई है तो फिर राज्य पर 1,40,000 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण क्यों है?

राज्य की जनता को सरकार से पूछना चाहिए कि क्यों हर व्यक्ति पर 22,224 रुपए का ऋण है? उन्होंने शिक्षा का अधिकार कानून लागू नहीं करने, महिलाओं में रक्ताल्पता, लोकायुक्त नियुक्त नहीं किए जाने आदि के बारे में भी सवाल पूछा। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi