गुड़ी पड़वा यानि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, जिसे हिंदू नववर्ष का आरंभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार गुड़ी पड़वा नए साल का पहला दिन होता है, और इसे हिंदू पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विशेष तौर पर नीम की दातुन एवं नीम की पत्तियां खाने का विधान है। जानिए, क्यों खाते हैं आखिर इस दिन नीम...
2 नीम कड़ुवा है, लेकिन आरोग्य-प्रद है। प्रारंभ में कष्ट देकर बाद में कल्याण करने वालों में से यह एक है। नीम का सेवन करने वाला सदा निरोगी रहता है।
गुड़ी पड़वा पर हिन्दी निबंध
3 कितने ही विचार आचार में लाने में कष्टदायी होते हैं, इतना ही नहीं, वे कडुए भी लगते हैं, लेकिन वे ही विचार जीवन को उदात्त बनाते हैं।
4 ऐसे सुंदर, सात्विक विचारों का सेवन करने वाला मानसिक और बौद्धिक आरोग्य पाता है। उसका जीवन निरोगी बनता है। प्रगति के रास्ते पर जाने वाले को जीवन में कितने 'कडुए घूंट' पीने पड़ते हैं, इसका भी इनमें दर्शन है।
5 मंदिर में प्राप्त नीम और शक्कर के प्रसाद के पीछे अति मधुर भावना छिपी होती है। जीवन में कभी सुख या दुख अकेले नहीं आते। सुख के पीछे ही दुख होता है और दुख के पीछे सुख आता है।