Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कारवाँ गुजर गया...!

हमें फॉलो करें कारवाँ गुजर गया...!
, मंगलवार, 24 जून 2008 (10:11 IST)
WDWD
साहित्य के उज्जवल नक्षत्र नीरज का नाम सुनते ही सामने एक ऐसा शख्स उभरता है:जो स्वयं डूबकर कविताएँ लिखता हैं और पाठक को भी डूबा देने की क्षमता रखता है। जब नीरज मंच पर होते हैं तब उनकी नशीली कविता और लरजती आवाज श्रोता वर्ग को दीवाना बना देती है। जब नीरज गुनगुनाते हैं ‘’अब के सावन में शरारत ये मेरे साथ हुई, मेरा घर छोड कर सारे शहर में बरसात हुई।‘’ सुनने वाले सचमुच सावन की तरह झूम उठते हैं। नीरज के सुहाने गीतों का कारवां लेकर आए हैं ; ‘’पेंगुईन बुक्स इंडिया प्रकाशन ‘’।

इस महकती पुस्तक में नीरज के उन सभी गीतों को जगह मिली है; जिन्हें हम बरसों से सुनते, गुनगुनाते आए हैं। दिल को छू लेने वाले गीत ‘’स्वप्न झरे फूल से मीत चुभे शूल से’’ से पुस्तक आरम्भ होती है और हर पन्ने पर सजे गीत पर रुकने का आग्रह करती है। मुद्रण की शुद्धता पेंगुईन की खासियत है।

नीरज के गीतों का आवेग इन पन्नों से बरबस ही हमें बहा ले जाता है। आध्यात्मिक अनुभूति परत दर परत छुपे उस मन को सहलाती है ! जो कहीं बहुत भीतर बैठा हैं। बाहर आने से डरता है। नीरज मूलत: प्रेम और दर्द के कवि हैं। प्रेम ऐसा जो पवित्र और शाश्वत है और दर्द ऐसा जो अव्यक्त है। ‘’प्रेम को न दान दो : न दो दया, प्रेम तो सदैव ही समृद्ध है।‘’ नीरज के गहरे गीतों में जन-जन के कवि कबीर के दर्शन होते हैं। वहीं वे अपनी पूरी ऊर्जा के साथ युवा वर्ग में भी चिंतन स्फुरित करते दिखाई देते हैं।

‘’छिप छिप अश्रु बहाने वालों मोती व्यर्थ लूटाने वालों कुछ सपनों के मर जाने से -जीवन नहीं मरा करता है।‘’ नीरज -कारवां गीतों का’’ हर सुधी पाठक के मन को मोहने की क्षमता रखती है। बकौल नीरज ---‘’विश्व चाहे या न चाहे लोग समझे या न समझे, आ गए हैं हम यहाँ तो गीत गाकर ही उठेंगे।’’ और सचमुच पाठक यह पुस्तक पढकर ही उठेंगे।

पुस्तक -----नीरज
कारवाँ गीतों का :
गीतकार -----गोपाल दास नीरज
प्रकाशक---- पेंगुईन बुक्स इंडिया
मूल्य----150/-

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi