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मीडिया के क्षेत्र में बनाएँ भविष्य

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- पूनम

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मीडिया में करियर बनाने के प्रति लोगों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है। शहरी ही नहीं ज्यादातर ग्रामीण युवाओं की भी पहली पसंद पत्रकारिता के क्षेत्र में रोजगार पाना हो गया है। एक समय था जब लोग सिविल सेवा और बैंको की सेवा में अपना भविष्य तलाशते थे।

इसके बाद सेनाओं और पुलिस में भी कुछ लोग जोर आजमाइश करते थे। पर पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारिता का आकर्षण युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। जिन्हें मन पसंद विषय में किसी कॉलेज में दाखिला नहीं मिला उनके लिए पत्रकारिता में एडमीशन लेने का मौका है।

यह एक शौक भी है और रोजगार भी। खास बात यह कि यह जिंदगी रोमांच से भी भरी हुई है। पर कदम-कदम पर चुनौतियाँ भी भरी पड़ी हैं।

आपके अंदर कुछ सीखने की ललक और लगातार काम करने की दृढ़ इच्छा शक्ति नहीं हो तो इस क्षेत्र में नहीं आना चाहिए। जो लोग सामान्य से हटकर कुछ कर सकते हैं उनके लिए इस क्षेत्र में विकल्पों की भरमार है।

समाचार पत्र में संपादन के दो भाग महत्वपूर्ण हैं। एक रिपोर्टिंग और दूसरा संपादन। खबरों का जिम्मा पत्रकारों का होता है और उसे कम से कम शब्दों में ज्यादा प्रभावशाली ढंग से पेश करना संपादकों का। इस क्षेत्र में कार्टूनिस्ट, कम्प्यूटर ऑपरेटर, डिजाइनर, प्रूफ रीडर, पेज सेटर सहित और कई महत्वपूर्ण काम होते हैं। यह जरूरी है कि पत्रकारों को आचार संहिता की पूरी जानकारी हो। इसका पालन प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा करना जरूरी होता है।

ज्यादातर युवा टीवी रिपोर्टिंग के क्षेत्र में जाना चाहते हैं। पर प्रिंट हो या इलेक्ट्रॉनिक दोनों ही क्षेत्रों में ज्ञान ओर वाकपटुता के साथ खबरों का शुद्ध लेखन और उच्चारण जरूरी है। इसके लिए भाषा का सही ज्ञान बेहद जरूरी है। किसी का साक्षात्कार करने के लिए जरूरी है कि उस विषय या व्यक्ति के बारे में आपको पूरी जानकारी हो।

अगले 10-15 साल बेहतर संभावनाओं वाले
राजधानी स्थित खालसा कॉलेज के हरनेक सिंह गिल का कहना है कि पिछले 10 साल में मीडिया के क्षेत्र में बहुत से लोगों को रोजगार मिला है। अगले 10-15 साल तक यह संभावनाएं बनी रहेंगी। कारण है कि देश में तेजी से शिक्षा का प्रसार हो रहा है। इसके चलते रोजाना नए अखबार और टीवी चैनल आ रहे हैं। भारत ही नहीं ऐसे सभी देशों में इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं जो अभी विकासशील की श्रेणी में हैं।

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दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में पत्रकारिता में प्रवेश की अंतिम प्रक्रिया चल रही है। इग्नू और दूरस्थ शिक्षा के कई विश्वविद्यालयों से जुड़े संस्थानों में भी प्रवेश प्रक्रिया अंतिम दौर में है। जबकि निजी संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया 31 जुलाई तक चलेगी।

यह सब कैसे संभव हो? यह पत्रकारिता की पढ़ाई से आता है। पत्रकारिता संस्थानों में खबरें निकालना, लिखना, संपादित करना आदि के साथ दूसरी चीजें सिखाई जाती हैं। जो लोग इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं उनके लिए कैमरा और स्टूडियो से जुड़ी बारीकियां सिखाई जाती हैं।

राजधानी सहित एनसीआर क्षेत्र में बहुत से ऐसे सरकारी ओर निजी संस्थान हैं। इसके लिए जरूरी है कि अच्छे अंकों के साथ बारहवीं या स्नातक की परीक्षा पास की हो। किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने से पहले जान लें कि वहां पढ़ाई की कैसी और क्या व्यवस्था है।

आजकल गली मोहल्लों में ऐसे बहुत से संस्थान खुल गए हैं जो सुनहरे भविष्य के सपने दिखाकर युवाओं को लूट रहे हैं। इसलिए संस्थान के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है।

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