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अपॉर्चुनि‍टीज अनलि‍मि‍टेड

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मंदी के बाद अब हर क्षेत्र में नौकरि‍यों की बहार आ चुकी है और साल के अंत तक रोजगार के ढेरों अवसर मि‍लने की पूरी संभावना है। भारत में उभरते क्षेत्रों में नौकरियों की अपॉर्चुनि‍टीज अनलि‍मि‍टेड हैं। बात इतनी सी है, जहाँ मौका मिले उसे सभी तरह से इस्तेमाल किया जाए।

एविएशन क्षेत्र
एविएशन क्षेत्र में पायलटों की संख्या जरूरत के मुताबिक काफी कम है और यह क्षेत्र प्रति वर्ष 25 फीसदी की दर में बढ़ रहा है। 270 स्थायी एयरलाइनों के साथ-साथ 130 अतिरिक्त एयरलाइन कंपनियाँ अपना हाथ आजमाने के लिए उतर गई है। इसलिए इस क्षेत्र में एयरलाइन मैनेजर, ग्राउंड पर्सनल, फ्लाइट डिसपेचर, कैबिन क्रू और एयरपोर्ट मैनेजर जैसे पदों की भारी माँग देखने को मिलेंगी।

रिटेल क्षेत्र
एसोचैम बिजनेस बेरोमिटर (एबीबी) के अनुमान के मुताबिक, भारत में रिटेल क्षेत्र काफी मजबूत है जिसकी जड़ें बहुत गहरी है। आईटी क्षेत्र के बाद रिटेल दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र जो रोजगार उपलब्ध कराएगा। एसोचैम के मुताबिक, रिटेल क्षेत्र भारत में 2010 के अंत तक 2000000 लोगों को नौकरियाँ दे देगा।

हेल्थकेयर क्षेत्र
हेल्थकेयर क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जो सिर्फ भारत में ही नहीं वैविश्क स्तर पर तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका और अन्य देशों में भारतीस नर्सों की माँग भारी मात्रा में बढ़ रही है। औद्योगिक विशेषज्ञों के मुताबिक, फिलहाल भारत में हेल्थकेयर उद्योग 35 अरब डॉलर का है, जोकि 2012 तक 75 अरब डॉलर और 2017 तक 150 अरब डॉलर का हो जाएगा।

मैकेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय हेल्थकेयर उद्योग प्रति वर्ष 10 से 12 फीसदी की विकास दर हासिल कर रहा है। एसोचैम के मुताबिक, अप्रैल-जून 2009 के दौरान हेल्थकेयर क्षेत्र ने 44.42 फीसदी का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया था। गौरतलब है कि देश की मात्र 10 फीसदी जनसंख्या के पास बीमा पॉलिसी है, यानी अब भी 90 फीसदी लोगों के पास बीमा पॉलिसी नहीं है।

होटल उद्योग
कॉमनवेल्थ गेम्स के कारण होटल कारोबार की चाँदी हो गई है। खासकर इन खेलों को देखने वाले विदेशी दिल्ली में रहने वाले हैं। साल के अंत तक दिल्ली में 94,000 नए लोगों को इस क्षेत्र में विभिन्न नौकरियाँ मिलेंगी।

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