क्रि‍केट के धुरंधर - महेन्द्रसिंह धोनी

Webdunia

दोस्तों, आज हम ऐसे शख्स के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसने करोड़ों भारतीयों का सपना पूरा किया है। जिसने भारतीय क्रिकेट टीम को उस मुकाम पर पहुँचाया है जो दुनिया की हर टीम का सपना होता है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं विश्व क्रिकेट चैम्पियन टीम के चैम्पियन कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी की। आज धोनी को सबसे सफल कप्तान के रूप में देखा जा रहा है।

PR


अपने करियर के शुरुआती दौर में धोनी को एक आक्रामक बल्लेबाज के रूप में पहचान मिली लेकिन धीरे-धीरे वे एक सफल कप्तान के रूप में उभरते गए। उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 का ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप जीता।

कॉमनवेल्थ बैंक सीरिज और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-0 से हराया। यह करिश्मा भी धोनी की कप्तानी में ही संभव हो सका। उन्होंने न्यूजीलैंड व श्रीलंका में खेली गई एक दिवसीय श्रृंखला में भी भारत को विजयश्री दिलाई। इन सभी प्रदर्शनों ने भारतीय टीम को विश्व रैंकिंग में नंबर-1 पर पहुँचाया।

धोनी के इन करिश्मों के कारण 2008 में आईसीसी ओडीआई प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाने वाले वे पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। राजीव गाँधी खेलरत्न पुरस्कार व 2009 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

ND
महेन्द्रसिंह धोनी - ए परि‍च य
महेन्द्रसिंह धोनी का जन्म झारखंड के राँची में 7 जुलाई 1981 में हुआ। उनके पिता का नाम पानसिंह व माता का नाम देवकी देवी है। उनका गाँव लावली उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत आता है। उनके माता-पिता उत्तराखंड से राँची चले आए जहाँ उनके पिता मेकोन कंपनी में मैनेजर के रूप में काम करने लगे।

धोनी का एक भाई नरेन्द्र और बहन जयंती भी है। धोनी को बाइक व कार का बहुत शौक है। उनकी चार कारें व एक हाई स्पीड मोटरसाइकल उनके घर राँची के गेरेज में खड़ी रहती हैं।

वे 15 ब्राँडों के ब्राँड एम्बेसेडर हैं जिनमें कप़ड़े व कोल्ड ड्रिंक्स आदि शामिल हैं। पिछले साल सबसे ज्यादा आयकर जमा करने वालों में धोनी प्रमुख थे। बचपन से ही धोनी एडम गिलक्रिस्ट, सचिन तेंडुलकर, अमिताभ बच्चन व लता मंगेशकर के फेन रहे हैं।

फुटबॉल से लेकर क्रिकेट तक
धोनी ने अपनी पढ़ाई डीएवी जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली से की है। बैडमिंटन और फुटबॉल खेलने का शौक उन्हें शुरू से ही था। फुटबॉल में उनके प्रदर्शन को देखते हुए वे जिला और क्लब लेवल पर चुन लिए गए। वे अपनी फुटबॉल टीम के गोलकीपर थे। उनके कोच ने ही धोनी को क्रिकेट खेलने की सलाह दी।

शुरुआत में तो उन्हें क्रिकेट खेलना ही नहीं आता था लेकिन उनके विकेट कीपिंग ने सबको प्रभावित किया। 1995 -97 में वे कमांडो क्रिकेट क्लब के नियमित विकेटकीपर बने। उनके अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें 1997-98 के वीनू मांकड अंडर-16 चैंपियनशिप में चुना गया। जिसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। धोनी ने 10वीं कक्षा के बाद से अपना ध्यान क्रिकेट पर केन्द्रित कर लिया था।


ND
4 जुलाई 2010 को धोनी ने कोलकाता की साक्षी रावत से विवाह किया। फिल्म अभिनेत्री बिपाशा बसु धोनी की खास दोस्त हैं। अपने लंबे बालों के लिए जाने जाने वाले धोनी ने अपने पसंदीदा अभिनेता जॉन अब्राहम की तरह दिखने के लिए अपने बाल कटवा लिए थे। आज धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने क्रिकेट की बुलंदियों को छुआ है।

जूनियर क्रिकेट
धोनी को 1998-99 में बिहार अंडर 19 में शामिल किया गया था। जहाँ उन्होंने पाँच मैचों में 176 रन बनाए। यह टीम कूचबिहार ट्रॉफी के फाइनल तक पहुँची जिसमें धोनी ने 84 रनों का योगदान दिया।

बिहार टीम से शुरुआ त
धोनी ने 18 वर्ष की उम्र में बिहार के लिए 1999-2000 रणजी ट्रॉफी से शुरुआत की। उन्होंने पहला शतक असम के खिलाफ 2001 में बनाया। 2002-03 रणजी ट्रॉफी में उन्होंने तीन अर्द्घशतक बनाए और देवधर ट्रॉफी में दो अर्द्घशतक बनाए। तबसे उनकी पहचान एक आक्रामक बल्लेबाज की बनने लगी।

भारतीय-ए टीम में शामि ल
2003-04 में कड़ी मेहनत के कारण धोनी को जिम्बॉम्बे और केन्या दौरे के लिए भारतीय टीम में चुना गया। जिम्बॉम्बे-11 के खिलाफ उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 7 कैच व 4 स्टंपिंग की। त्रिकोणीय टूर्नामेंट केन्या-ए, पाकिस्तान-ए, भारत-ए में धोनी ने 7 मैचों में 362 रन बनाए।

जिसमें दो शतक व एक अर्द्घशतक था। इसके बाद भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की नजर उन पर पड़ी और 2004-05 में बांग्लादेश दौरे के लिए धोनी का चयन किया गया।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments

जरूर पढ़ें

WhatsApp, Telegram और Snapchat पर देती थी खुफिया जानकारी, पाकिस्तान के लिए जासूस बनी ज्योति मल्होत्रा के बारे में खौफनाक खुलासे

सैन्य कार्रवाई की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना अपराध : राहुल गांधी

Pakistan पर बोले RSS चीफ मोहन भागवत, जो दुस्साहस करेगा, भारत उसे सबक सिखाएगा

कौन हैं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित स्वामी रामभद्राचार्य, राम जन्मभूमि फैसले में निभाई निर्णायक भूमिका

शहबाज शरीफ के जहरीले बोल, कहा- करारा जवाब देंगे, पाक सेना ने रचा इतिहास

सभी देखें

नवीनतम

Vastu Tips: कामयाबी की ओर बढ़ते कदम: कार्यस्थल पर तरक्की पाने के 10 उपाय

कितनी है कर्नल सोफिया कुरैशी की सैलरी, जानिए भारतीय सेना में इस पोस्ट का वेतनमान

सैनिक स्कूल में कैसे होता है एडमिशन, जानिए फीस, परीक्षा और सिलेक्शन का पूरा प्रोसेस

HPBOSE 10th Result : हिमाचल बोर्ड के 10वीं कक्षा के नतीजे घोषित, लड़कियों ने हासिल किए शीर्ष 7 स्थान

CBSE Toppers List नहीं होगी जारी, टॉप 0.1 प्रतिशत छात्रों को दिए जाएंगे Certificate, जानिए क्या है कारण