विदेशों में कई मरीन बायो-लॉजिस्ट को बड़े एक्वेरियम व थीम पार्कों में नौकरियाँ दी जाती हैं। भारत में अभी इस प्रकार का विकास होना बाकी है। समुद्र किनारे के पर्यावरण की देखभाल के लिए भी विदेशों में कई होटलों में मरीन बायोलॉजिस्ट की सेवाएँ ली जाती हैं, ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुँचे। भारत में इस क्षेत्र में जो काम हो रहा है वह दक्षिण के राज्यों में ज्यादा है, क्योंकि देश की समुद्री सीमा का अधिकांश हिस्सा इन्हीं राज्यों के पास है।
यहाँ पर न केवल शोध हो रहे हैं, बल्कि समुद्र के भीतर हो रहे बदलावों पर भी नजर रखी जा रही है। यह क्षेत्र ऐसा है, जिसमें कई अन्य संबंधित विषयों का भी समायोजन है। इसकी एक शाखा केवल समुद्र और पर्यावरण के बारे है, जबकि एक जीव विज्ञान से संबंधित है। कुल मिलाकर यह विषय काफी अच्छा है और खासतौर पर जीवविज्ञान के विद्यार्थियों के लिए काफी रोमांचक भी साबित हो सकता है।