भूकंप क्‍यों आते हैं? कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता?

भूकंप कब आते हैं
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भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है। पर्यावरण का चक्र बिगड़ने पर भी भूकंप के मामले पहले से अधिक हो गए है। हालांकि पूरी दुनिया में सबसे अधिक भूकंप जापान में आते हैं। लेकिन वहां पर नुकसान को कम करने के लिए भी प्रयास सबसे अधिक हुए है। वहीं देश में सबसे अधिक भूकंप 2050 तक गुवाहटी, श्रीनगर, दिल्‍ली, मुंबई, चेन्‍नई, पुणे, कोच्चि, कोलकाता, पटना, तिरूवंतपुरम में संभावना जताई जा रही है। यह अनुमान वर्ल्‍ड बैंक और यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट में जारी किया गया था। तो आइए जानते हैं भूकंप क्‍यों आते हैं - 
 
दरअसल, धरती के अंदर 7 प्‍लेट्स होती हैं जो घुमती रहती है। इसे अंग्रेजी में प्‍लेट टैक्‍टॉनिकक और हिंदी में प्‍लेट विवर्तनिकी कहते हैं। जहां पर ये प्‍लेट्स टकाराती हैं, वहां जोन फॉल्‍ट लाइन फॉल्‍ट होता है। जब बार- बार प्‍लेट्स टकाराती है तो कोने मुड़ने लगते हैं। और ज्‍यादा दबाव बनने पर प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में धरती से ऊर्जा  बाहर आने की कोशिश करती है, जिससे रफ्तार बिगड़ती है। और भूकंप की स्थिति पैदा होती है।  
 
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता और क्‍या है तरीका 
भूकंप की जांच जिस स्‍केल से होती है उसे रिक्‍टर मैग्‍नीट्यूड टेस्‍ट कहा जाता है। भूकंप की तीव्रता 1 से 9 के आधार तक मापा जाता है। भूकंप को इसके सेंटर से मापा जाता है । जिसे एपीसेंटर कहते हैं। भूंकप के दौरान धरती के अंदर से निकलने वाली ऊर्जा  कितनी तीव्र होती है, उसे एपीसेंटर से मापा जाता है और भूकंप के खतरे का अंदाजा लगाया जाता है। 
 
रिक्‍टर स्‍केल से जानिए भूकंप का खतरा....
0 से 1.9 के बीच - यह सिर्फ सिज्‍मोग्राफ के द्वारा ही पता चलता है। 
2 से 2.9 के बीच - हल्‍का कंपन होने लगता है। 
3 से 3.9 के बीच - आप चलती ट्रेन के पास खड़ें होते हैं। 
4 से 4.9 के बीच - दिवारों पर टंगी घड़ी, फ्रेम हिलने लगती है। 
5 से 5.9 के बीच - फर्नीचर हिलने लगता है। 
6 से 6.9 के बीच - इमारतों में दरार पैदा होना, उपरी की मंजिलों में नुकसान होने की संभावना। 
7 से 7.9 के बीच - जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं, इमारतें गिरने लग जाती है।
8 से 8.9 के बीच - सुनामी का खतरा बढ़ जाता है, इमारतों सहित बड़े पुल गिरने की संभावना बढ़ जाती हैं। 
9 और इससे अधिक - यह सबसे बड़ा तबाही का बिंदु होता है। समु्द्र आसपास हो तो सुनामी की संभावना बढ़ जाती है। इंसान को धरती लहराते हुए नजर आने लगेगी।  
 
भूकंप आने पर कैसे बचाएं जान 
भूकंप की भविष्‍यवाणी नहीं की जा सकती है। लेकिन नए घरों को भूकंप को ध्‍यान में रखते हुए निर्माण करें। मकान बनाने से पहले जमीन की जांच कर लें। क्‍या वह भूकंप को ध्‍यान में रखते हुए मकान बना सकते हैं या नहीं। वहीं अगर अचानक से भूकंप आ जाएं तो सब पहले खुले मैदान में जाए। घर में ही फंस गए हों तो टेबल या बेड के अंदर छिप जाएं। छत पर भी जा सकते हैं या घर के किसी कोने में खड़े हो जाएं। लेकिन खतरों से खाली विकल्‍प है घर से बाहर निकल जाएं।

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