दिवाली में अब कुछ ही दिन शेष है लेकिन बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण देश में कुछ जगहों पर पटाखे पूरी तरह से बैन कर दिए गए है तो कहीं पर सीमित मात्रा में जलाने की अनुमति दी जा रही है। पर्यावरण को बचाने के लिए ग्रीन पटाखे एक नया विकल्प सामने आया है। बताया जा रहा है कि इससे 30 से 40 फीसदी तक प्रदूषण कम होगा। साथ ही इनमें में नुकसानदायक केमिकल नहीं होते हैं। आइए जानते हैं ग्रीन पटाखे क्या होते है?
ग्रीन पटाखे प्रदूषण को कम करता है। इन्हें बनाने में किसी प्रकार का एल्यूमिनियम, बेरियम, पोटेशियम-नाइट्रेट और कार्बन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। अगर होते भी है तो मात्रा बहुत कम होती है। इसका सबसे बड़ा फायदा है यह वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।
यह दिखने में एकदम सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं केमिकल युक्त पटाखों की तरह ही और ग्रीन पटाखों में भी वह सभी वैरायटी उपलब्ध है। कैटेगरी फुलझड़ी, फ्लावर पॉट, स्काई शॉट जैसे पटाखे हैं। उन्हें भी अन्य पटाखों की तरह ही माचिस से जलाया जाता है। यह खुशबू वाले भी आते हैं।
लेकिन देखा जाए तो यह पटाखे केमिकल युक्त पटाखों से थोड़े महंगे होंगे। इसमें में केमिकल पटाखे की तरह धुंआ भी निकलेगा लेकिन वह हानिकारक नहीं होगा। केमिकल युक्त पटाखे 250 रूपए तक के पड़ते हैं वहीं ग्रीन पटाखे 400 रूपए तक के पड़ सकते हैं।