उल्लेखनीय है कि सोमवार को केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा था कि चुनाव आयोग ने आज चुनावों के कारण भाजपा के घोषणा पत्र के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बहुत से चैनलों ने इसे प्रसारित किया। ऐसा क्यों? उन्होंने कहा था- मैंने सुना है कि कुछ शीर्ष संपादकों ने आपस में संदेश भेजे और तय किया कि चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए भाजपा के घोषणापत्र को दिखाया जाए।
उल्लेखनीय है कि कल ही भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदान के दिन घोषणापत्र जारी करने को लेकर किसी भी पार्टी पर प्रतिबंध नहीं है, हां लेकिन जिन इलाकों में चुनाव हो रहे हों, वहां उसे प्रचारित प्रसारित नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर सोमवार को जिन राज्यों में चुनाव हुए हैं वहां भाजपा का जनाधार भी नहीं है।
भाजपा पर मतदान चलते समय घोषणापत्र जारी कर कानून का उल्लंघन करने और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का उल्लेखकर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग से इस दल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी जबकि कोलकता में मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस सम्पत का कहना था कि 'ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। चुनाव घोषणा पत्र किसी भी वक्त जारी किया जा सकता है।'