इंदौर। आम आदमी पार्टी (आप) की प्रमुख नेता और प्रवक्ता शाजिया इल्मी नहीं मानतीं कि दिल्ली विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पेश नहीं कर सकने के बाद अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप सरकार ने 14 फरवरी को इस्तीफा देकर जल्दबाजी की।शाजिया ने अपने चुनावी दौरे में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि केजरीवाल ने जन लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जल्दबाजी की। मैं अपनी पार्टी के उन लोगों में हूं, जिन्होंने उनके इस कदम की हिमायत की थी क्योंकि जन लोकपाल विधेयक हमारा मुख्य मुद्दा रहा है।’ आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य ने कहा, ‘जन लोकपाल विधेयक के दिल्ली विधानसभा के पटल पर न आ सकने के बाद अगर केजरीवाल एक दिन भी सरकार में बने रहते, तो मीडिया आज हमसे यह सवाल पूछ रहा होता कि वह (केजरीवाल) सत्ता के लोभी थे।’
केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद खासकर भाजपा के उन्हें ‘मैदान छोड़कर भाग जाने वाला नेता’ बताए जाने पर शाजिया ने कहा, ‘यह दुष्प्रचार है। हमें लगा कि लोग (लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर) हमारे द्वारा सिद्धांत की लड़ाई लड़ने से खुश होंगे। लेकिन हम शायद जनता को अपनी बात ठीक से समझा नहीं पाए। फिर हमारे बारे में दुष्प्रचार किया गया। आप जानते ही हैं कि इस मामले में कुछ मीडिया संस्थानों का क्या रोल रहा है।’
इससे पहले, शाजिया ने इंदौर से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अनिल त्रिवेदी के समर्थन में गफूर खां की बजरिया क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के पक्ष में लगाए जाने वाले विवादास्पद चुनावी नारे के ‘हर-हर मोदी.’ के औचित्य पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, ‘आम लोग हर-हर मोदी के नारे का क्या अचार डालेंगे। आम लोगों को यह नारा नहीं, बल्कि पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास चाहिए।’ शाजिया ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘उन्होंने (भाजपा नेताओं ने) अल्लाह और भगवान को भी नहीं बख्शा। वे आम आदमी को क्या बख्शेंगे।’ (भाषा)