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भाजपा का मैनिफेस्टो, जानिए क्या है खास

हमें फॉलो करें भाजपा का मैनिफेस्टो, जानिए क्या है खास
नई दिल्ली , सोमवार, 7 अप्रैल 2014 (17:37 IST)
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2014 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। आज ही असम और त्रिपुरा में चुनाव 2014 के पहले चरण का मतदान भी किया जा रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने घोषणा पत्र जारी किया इसमें इकनॉमी और सभी के लिए विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ और ‘सबका साथ, सबका विकास’ इस घोषणा पत्र का नारा है। घोषणा पत्र जारी करते हुए जोशी ने कहा, ‘जो मुद्दे देश को परेशान कर रहे हैं उनमें महंगाई, रोजगार, स्वरोजगार, भ्रष्टाचार और काला धन के मुद्दे हैं।’

जोशी ने कहा, ‘हमने घोषणा पत्र के लिए 17 सदस्यीय समिति बनाई। वेबसाइट शुरू की गई। हमें करीब एक लाख सुझाव केवल ग्रामीण इलाकों से आए। हमें अमेरिका में रह रहे भारतीयों से भी सुझाव मिले। हमने स्थानीय संस्थानों से विचार किया। हमने शिक्षकों, किसानों, महिलाओं, विकलांगों और बच्चों से बातें की। हमने कारीगरों, मजदूरों और उनके प्रतिनिधियों से भी बातें की।

भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों को शामिल करते हुए लोगों से इन्हें पूरा करने का वायदा किया है।

भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी एवं अन्य नेताओं द्वारा आज यहां पार्टी मुख्यालय में जारी किए गए 52 पन्नों के घोषणापत्र में सुशासन और समेकित विकास देने का भी वायदा किया गया है।

एक पखवाड़े के विलम्ब से जारी घोषणा पत्र में कहा गया है, ‘भाजपा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए संविधान के दायरे में सभी संभावनाओं को तलाशने के अपने रूख को दोहराती है।’ राम मंदिर मुद्दे को शामिल करने पर पार्टी के भीतर मतभेदों की खबरों के बारे में पूछे जाने पर घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कहा, ‘यदि आप अपनी सोच के हिसाब से कुछ लिखना चाहते हैं तो आप ऐसा करने को स्वतंत्र हैं।’

9 चरण में हो रहे लोकसभा चुनाव के पहले दिन घोषणा पत्र जारी करने के लिए उसके विरोधी दलों ने आलोचना की है। ऐसी अटकलें थीं कि जोशी द्वारा तैयार किए गए मसौदे के कुछ बिन्दुओं पर मोदी को आपत्ति थी और वर्तमान में प्रचार अभियान में विकास पर मोदी के जोर के मद्देनजर संघ परिवार के पसंदीदा विषय इसमें शामिल नहीं होंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी राम मंदिर के मुद्दे को शामिल कर मतदाताओं को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है और क्या इसे हिन्दुत्व के मुद्दे को फिर से उठाना कहा जा सकता है, जोशी ने कहा, ‘इसका हिन्दुत्व या किसी अन्य चीज से कोई लेना-देना नहीं है। यह केवल विकास के कार्यक्रम का वायदा है।’ उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं रहा है और घोषणा पत्र विकास तथा सुशासन के मुद्दों पर आधारित है।

जोशी ने राम मंदिर के वायदे के संदर्भ में कहा, ‘हमने इसे ‘सांस्कृतिक विरासत’ के खंड में रखा है। हमारे लिए जो सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है, वह हमने कहा है।’ उन्होंने कहा कि यह मुद्दा पार्टी के पूर्व के घोषणा पत्रों में भी शामिल किया जाता रहा है और पार्टी का रुख बदला नहीं है।

समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर घोषणा पत्र में कहा गया, ‘संविधान की धारा 44 में समान नागरिक संहिता राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के रूप में दर्ज की गई है। भाजपा का मानना है कि जब तक भारत में समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता है, तब तक लैंगिक समानता कायम नहीं हो सकती है। समान नागरिक संहिता सभी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करती है। भाजपा सर्वश्रेष्ठ परंपराओं से प्रेरित समान नागरिक संहिता बनाने को कटिबद्ध है जिसमें उन परंपराओं को आधुनिक समय की जरूरतों के मुताबिक ढाला जाएगा।

अल्पसंख्यकों से घोषणा पत्र में वादा किया गया कि उनके जीवनस्तर को ऊंचा उठाने और उद्योग के क्षेत्र में उनके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसमें कहा गया कि यह दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के इतने बरसों बाद भी अल्पसंख्यकों का एक बड़ा समूह, विशेषकर मुस्लिम समुदाय गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहा है।

आधुनिक भारत समान अवसर वाला होना चाहिए। भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत के विकास में सभी समुदायों की समान भागीदारी होनी चाहिए। इसमें कहा गया कि हमारा विश्वास है कि अगर कोई समुदाय पीछे छूट गया तो भारत प्रगति नहीं कर सकता।

कालेधन के बारे में घोषणापत्र में कहा गया कि भाजपा की सरकार आने पर भ्रष्टाचार की गुंजाइश न्यूनतम करके ऐसी स्थिति पैदा की जाएगी कि कालाधन पैदा ही न होने पाए। इसमें यह वादा भी किया गया कि आने वाली भाजपा सरकार विदेशी बैंकों और समुद्र पार के खातों में जमा कालेधन का पता लगाने और उसे वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। उसने वादा किया कि कालेधन को वापस भारत लाने के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।

केंद्र और राज्यों के संबंध में भाजपा ने वादा किया कि एक विविधतापूर्ण देश होने के कारण भारत के अलग अलग क्षेत्रों में रहने वाले विभिन्न समुदायों की अपनी आकांक्षाएं होती हैं। ऐस में केंद्र और राज्यों को ऐसा कार्यतंत्र बनाना होगा जिससे आपसी रिश्ते सद्भावपूर्ण हों और हर राज्य की स्वाभाविक परेशानियां व्यापक रूप से निपटाई जा सकें।

इसमें कहा गया कि टीम इंडिया प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली में बैठी टीम ही नहीं होगी बल्कि मुख्यमंत्रियों और अन्य अधिकारियों को भी इसमें समान भागीदार बनाया जाएगा।

सत्ता में आने पर भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में तेज रफ्तार बुलेट ट्रेनों का जाल बिछाने के लिए एक महत्वाकांक्षी ‘हीरक चतुभरुज रेल परियोजना’ शुरू करने की घोषणा की। इसमें कहा गया कि देश की जीवनरेखा भारतीय रेल को यात्रियों की सुविधा और देश की अर्थव्यवस्था के विकास को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा न कि राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए।

खुली सरकार और जवाबदेह शासन का वादा करते हुए घोषणा पत्र में कहा गया कि प्रशासनिक सुधार भाजपा के लिए प्राथमिकता होंगे। सत्ता में आने पर भाजपा सरकार इसका क्रियान्वयन प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत एक उचित संस्था के जरिए करेगी। इसका उद्देश्य सरकार की निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना होगा।

चुनाव सुधारों की बात करते हुए पार्टी ने कहा कि सत्ता में आने पर वे अपराधियों को राजनीति से बाहर करने और विधानसभाओं तथा लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने का तंत्र विकसित करने के लिए दूसरे दलों के साथ विचार-विमर्श करेगी। उसका कहना है कि इससे सरकार और राजनीतिक दलों का खर्च कम होगा और राज्य सरकार में थोड़ी स्थिरता भी आएगी।

खाद्य सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए घोषणापत्र में कहा गया कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस योजना का लाभ आम आदमी तक पहुंचे और भोजन का अधिकार सिर्फ कागज पर बना एक कानून या राजनीतिक नारा भर न रह जाए।

खेलकूद में भारत के अच्छा प्रदर्शन नहीं करने की शिकायत करते हुए भाजपा ने घोषणा पत्र में एक 'राष्ट्रीय खेलकूद प्रतिभा खोज प्रणाली’ शुरू करने की बात कही। इसमें कहा गया कि इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए संगठित तरीके से निवेश करने की जरूरत है। उसने कहा कि वे सत्ता में आने पर तमाम खेलों (पारंपरिक एवं आधुनिक) का समर्थन करेगी।

महिलाओं के सशक्तीकरण और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देने की बात कहते हुए घोषणा पत्र में कहा गया कि बालिका समृद्धि, लाड़ली-लक्ष्मी और चिरंजीवी योजना जैसी पहले की सफल योजनाओं की सर्वोत्तम बातों को शामिल करके एक व्यापक योजना तैयार की जाएगी जिससे कि कन्याओं के प्रति परिवारों में सकारात्मक प्रवृत्ति को बढ़ावा मिले।

घोषणा पत्र में हर घर को, हर खेत को और हर कारखाने को पानी उपलब्ध कराने का वादा करते हुए कहा कि हर खेत को पानी देने के उद्देश्य से 'प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना’ का शुभारंभ किया जाएगा। नदियों को जोड़ने के बारे में अपने पिछले रुख में परिवर्तन करते हुए पार्टी ने कहा कि व्यावहारिकता के आधार पर नदियों को आपस में जोड़ने पर विचार होगा।

संप्रग सरकार की कर नीति को 'टैक्स आतंकवाद’ का नाम देते हुए भाजपा के घोषणा पत्र में कहा गया कि इसने अनिश्चितता बढ़ाने का काम किया है जिसके कारण व्यापारी वर्ग में एक प्रकार की हताशा आई है और निवेश के वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही इससे देश की साख पर भी बट्टा लगा है। पार्टी ने कहा कि सत्ता में आने पर वह कर प्रणाली को तार्किक और आसान बनाएगी और विवादों के निपटारे के लिए तंत्र विकसित करेगी।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में इसमें कहा गया कि मल्टी ब्रांड खुदरा निवेश में वह एफडीआई का समर्थन नहीं करेगी और एफडीआई की केवल उन्हीं क्षेत्रों में अनुमति दी जाएगी, जहां नौकरी और पूंजी का निर्माण हो सके या जहां आधारभूत ढांचे के लिए तकनीकी और विशेषज्ञ ज्ञान की आवश्यकता हो। पार्टी ने कहा कि वह छोटे और मझौले दुकानदारों के हित संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। (भाषा)

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