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गणगौर का त्योहार आया, सुहागनों का मन हर्षाया...जानिए गणगौर पूजा में क्यों गाए जाते हैं दोहे? पढ़ें ये 20 सुंदर दोहे

क्या है गणगौर पूजा में माता को जल चढ़ाने की परंपरा और महत्व

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हमें फॉलो करें Gangaur ke dohe

WD Feature Desk

, सोमवार, 31 मार्च 2025 (09:56 IST)
gangaur ke dohe in hindi: गणगौर पूजा राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात सहित कई राज्यों में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। यह पर्व मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं द्वारा अपने सुखी दांपत्य जीवन और योग्य वर की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है, और विशेष रूप से गणगौर माता को जल चढ़ाने की परंपरा निभाई जाती है। इस अवसर पर कई सुंदर दोहे गाए जाते हैं, जिनमें भक्ति, प्रेम और पारंपरिक संस्कृति की झलक मिलती है।
 
गणगौर को पानी पिलाने और दोहे गाने की परंपरा : गणगौर पूजा में "गणगौर को पानी पिलाने" की परंपरा बहुत खास मानी जाती है। महिलाएं और कन्याएं नदी, तालाब या घर में बने विशेष कलश से गणगौर माता को जल अर्पित करती हैं। यह जल अर्पण विधि माता पार्वती को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है। इस दौरान पारंपरिक दोहे गाए जाते हैं, जो गणगौर माता की महिमा का वर्णन करते हैं और इस त्योहार की पवित्रता को दर्शाते हैं।
 
गणगौर के 20 सुंदर और पारंपरिक दोहे - 
 
1. गौर माता री सवारी, नीमड़े झूले रे…
पाणिहारी भर-भर पाणी, गौर माता पूजे रे...
 
2. ए गणगौर मै तो पाणी भरने जायूं रे...
पाणी भरूं म्हारा गणगौर पूजूं रे...
 
3. गौरी पूजे पधारो म्हारे देश…
सुख-समृद्धि आओ म्हारे अंगना रे…
 
4. गौर गणगौर माता, लाओ रे मेहंदी हरी…
मेहंदी हरी-हरी, पिया रंग लागो री…
 
5. गणगौर माता पूजन आयो रे…
सूरज की किरन सुहागन लायो रे…
 
6. गौर गऊरी पूजन आयी, मन में उमंग छायी…
गणगौर माता आओ, साजो सिंगार लायो...
 
7. गणगौर को पूजन करूं, सौभाग्य का आशीष धरूं…
शिव-गौरी के आशीष से, जीवन मंगलमय करूं…
 
8. मेहंदी रचा दी हाथों में, गौर माता के प्यार में…
सौभाग्य का आशीर्वाद मिले, सासुजी के घर में…
 
9. गणगौर माता अई रे, खुशियों की सौगात लई रे…
हर बहू-बेटी के अंगना, प्रेम-सौभाग्य आई रे…
 
10. शिव गौरी की पूजा करूं, मन से अर्पण करूं…
गणगौर माता आओ, घर में मंगल भरूं…
 
11. गणगौर का त्योहार पावन, लाए खुशियों की बहार…
सौभाग्य और प्रेम की गूंज, गणगौर करे उद्धार…
 
12. गणगौर माता रे, पीहर जाओ रे…
पिया घर में मंगल लाओ रे…
 
13. पानी पिलाने जाऊं रे, गौर माता को…
सात जनम का सौभाग्य पाऊं रे…
 
14. गणगौर का त्योहार आया, सुहागनों का मन हर्षाया…
श्रृंगार करें, मंगल गायें, गणगौर माता की पूजा करें…
 
15. गणगौर माता की पालकी आई, भक्तों ने आरती गाई…
सभी को सौभाग्य मिले, गणगौर माता की कृपा से…
 
16. हरियाली गौरी आई रे, प्रेम और सौभाग्य लाई रे…
सासुजी का प्यार मिले, पिया का मन रिझाई रे…
 
17. गणगौर पूजी रे, पिया के संग आँगन में…
सोलह सिंगार करू रे, सौभाग्य सहेजू रे…
 
18. बाबुल घर की गौरी रे, ससुराल चली रे…
गणगौर माता का आशीष लेकर, जीवन सफल बनी रे…
 
19. गणगौर माता को जल चढ़ाऊं, पूजा करूं रे…
सुख-समृद्धि का वरदान मिले, पिया संग जीवन सफल करूं…
 
20. नीम तले गणगौर बैठे, मन में आसा लाए…
शिव-गौरी का आशीष मिले, सब सुहागन खुशहाल रहाएं… 


अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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