Ganesh Chaturthi 2020 : लाभ और शुभ कौन हैं श्री गणेश जी के, जानिए

अनिरुद्ध जोशी
अक्सर हम अपने द्वार के बाहर आसपास की दीवारों पर लाभ और शुभ लिखते हैं। यह क्यों लिखते हैं और क्या है इनका भगवान गणेशजी से संबंध जानिए इस संबंध में संक्षिप्त जानकारी।
 
गणेशजी के दो पुत्र शुभ और लाभ : भगवान शिव के पुत्र गणेशजी का विवाह प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्री ऋद्धि और सिद्धि नामक दो कन्याओं से हुआ था। सिद्धि से 'क्षेम' और ऋद्धि से 'लाभ' नाम के दो पुत्र हुए। लोक-परंपरा में इन्हें ही शुभ-लाभ कहा जाता है। गणेश पुराण के अनुसार शुभ और लाभ को केशं एवं लाभ नामों से भी जाना जाता है। रिद्धि शब्द का अर्थ है 'बुद्धि' जिसे का हिंदी में शुभ कहते हैं। ठीक इसी तरह सिद्धी इस शब्द का अर्थ होता है 'आध्यात्मिक शक्ति' की पूर्णता यानी 'लाभ'।
 
लाभ और शुभ के पुत्र : शास्त्रों में तुष्टि और पुष्टि को गणेशजी की बहुएं कहा गया है। गणेशजी के पोते आमोद और प्रमोद हैं। मान्यता के अनुसार गणेशजी की एक पुत्री भी है जिसका नाम संतोषी है। संतोषी माता की महिमा के बारे में सभी जानते हैं। उनका दिन शुक्रवार है और इस दिन उनका व्रत रखा जाता है।
 
चौघड़ियां : जब हम कोई चौघड़िया या मुहूर्त देखते हैं जो उसमें अमृत के अलावा लाभ और शुभ को ही महत्वपूर्ण माता जाता है।
 
द्वार पर : गणेशजी के पुत्रों के नाम हम 'स्वास्तिक' के दाएं-बाएं लिखते हैं। घर के मुख्य दरवाजे पर हम 'स्वास्तिक' मुख्य द्वार के ऊपर मध्य में और शुभ और लाभ बायीं तरफ लिखते हैं। स्वास्तिक की दोनों अलग-अलग रेखाएं गणपति जी की पत्नी रिद्धि-सिद्धि को दर्शाती हैं। घर के बाहर शुभ-लाभ लिखने का मतलब यही है कि हमारे घर में सुख और समृद्धि सदैव बनी रहे। लाभ लिखने का भाव यह है कि भगवान से हम प्रार्थना करते हैं कि हमारे घर की आय और धन हमेशा बढ़ता रहे, लाभ होता रहे।
 
 
घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक, शुभ और लाभ इन्हीं शक्तियों के प्रतीक हैं:-
गणेश (बुद्धि) + रिद्धि (ज्ञान) = शुभ।
गणेश (बुद्धि) + सिद्धि (अध्यात्मिक स्वतंत्रता) = लाभ।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Shopping for Diwali: दिवाली के लिए क्या क्या खरीदारी करें?

बहुत रोचक है आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति की कथा, जानिए कौन हैं भगवान धन्वंतरि?

दिवाली की रात में करें ये 7 अचूक उपाय तो हो जाएंगे मालामाल, मिलेगी माता लक्ष्मी की कृपा

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

सभी देखें

धर्म संसार

27 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

27 अक्टूबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Kali chaudas 2024: नरक चतुर्दशी को क्यों कहते हैं भूत चौदस, किसकी होती है पूजा?

Bach Baras 2024: गोवत्स द्वादशी क्यों मनाते हैं, क्या कथा है?

गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव कैसे मनाया जाता है?

अगला लेख
More