भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी के दिन भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन गणपति की स्थापना करके गणेशोत्सव मनाया जाता है। आओ जानते हैं प्रथम पूज्य देव गणेशजी की पत्नी, पुत्र और पुत्रियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
1.गणेशजी की पत्नियां : गणेशजी की ऋद्धि और सिद्धि नामक दो पत्नियां हैं, जो प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्रियां हैं।
2. गणेशजी के पुत्र : सिद्धि से 'क्षेम' और ऋद्धि से 'लाभ' नाम के 2 पुत्र हुए। लोक-परंपरा में इन्हें ही 'शुभ-लाभ' कहा जाता है।
3. गणेशजी की बहुएं : शास्त्रों में तुष्टि और पुष्टि को गणेशजी की बहुएं कहा गया है। गणेशजी के पोते आमोद और प्रमोद हैं।
4. गणेशजी की पुत्री : मान्यता के अनुसार गणेशजी की एक पुत्री भी है जिसका नाम संतोषी है। एक कथा के अनुसार भगवान गणेशजी अपनी बुआ से रक्षासूत्र बंधवा रहे थे। इसके बाद गिफ्ट का लेन-देन देखने के बाद गणेशजी के पुत्रों ने इस रस्म के बारे में पूछा। इस पर गणेशजी ने कहा कि यह धागा नहीं, एक सुरक्षा कवच है। यह रक्षासूत्र आशीर्वाद और भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है।
यह सुनकर शुभ और लाभ ने कहा कि ऐसा है तो हमें भी एक बहन चाहिए। यह सुनकर भगवान गणेश ने अपनी शक्तियों से एक ज्योति उत्पन्न की और उनकी दोनों पत्नियों की आत्मशक्ति के साथ उसे सम्मिलित कर लिया। इस ज्योति ने कन्या का रूप धारण कर लिया और गणेशजी की पुत्री का जन्म हुआ जिसका नाम संतोषी रखा गया। यह पुत्री माता संतोषी के नाम से विख्यात है।