प्राचीन मान्यता है कि यदि गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन कर लिए तो कलंक का भागी होना पड़ता है। इस वर्ष 12 सितंबर को आपको चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। अपरान्ह 16:08:43 से रात्रि 20:32:00 तक तथा 13 सितंबर को 09:31:59 से 21:11:00 तक चंद्र दर्शन से आप कलंक के भागीदार हो सकते हैं।
वैसे तो कई जातक इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं, लेकिन कभी-कभी गलती से भी चंद्रदर्शन हो जाता है। अगर भूल से चन्द्र दर्शन हो जाए, तो इसके लिए हमारे ग्रंथों में दोषमुक्ति के लिए उपाय भी है। श्रीमद्भागवत के दसवें स्कन्द के 57वें अध्याय का पाठ करने से भी चन्द्र दर्शन का दोष समाप्त हो जाता है। इसके अलावा दोष के निवारण के लिए नीचे लिखे मंत्र का पाठ करें।
जातक अपनी पत्रिका के अनुसार 28, 54 या 108 बार इस मंत्र का जाप करें। जानिए चन्द्र दर्शन दोष निवारण मंत्र
सिंहःप्रसेनमवधीत्, सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।।
इस मंत्र के जाप और ऊपर बताए गए उपाय से आप चंद्रदर्शन के कलंक से दोषमुक्त हो सकते हैं।