Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

गणेशजी के सबसे खास 3 अनसुलझे रहस्य

हमें फॉलो करें गणेशजी के सबसे खास 3 अनसुलझे रहस्य
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक गणेश उत्सव मनाया जाता है। इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 10 सितंबर से 19 सितंबर 2021 तक यह महोत्सव चलेगा। आओ जानते हैं गणेशजी के 3 सबसे खास अनसुलझे रहस्य।
 
 
1. गणेशजी का जन्म कैसे हुआ : गणेशजी के जन्म के 3 रहस्य है। पहला गणेशजी को माता पार्वती ने अपने शरीर के मेल या दुर्वा से बनाया था, दूसरा माता पार्वती ने पुत्र प्राप्ति के लिए कठोर तप किया और  पुण्यक नामक उपवास या व्रत किया था जिसके चलते गणेशजी का जन्म हुआ था, तीसरा वराहपुराण के मुताबिक भगवान शिव ने गणेशजी को पचंतत्वों से बनाया है।
 
2. गणेशजी का सिर कैसे कटा : कहते हैं कि शनि भगवान की दृष्‍टि पड़ने से उनका सिर धड़ से अलग होकर चंद्रलोक में चला गया था। बाद में एक हथ‍नी के पुत्र का सिर काटकर उनके धड़ पर लगाया गया। यह भी कहते हैं कि उनका सिर शिवजी ने काट दिया था और बाद में एक हथ‍नी के पुत्र का सिर काटकर उनके धड़ पर लगाया गया।
 
3. गणेश जी का दांत कैसे टूटा : कहते हैं कि एक बार गणेशजी के बड़े भाई कार्तिकेय एक ग्रंथ लिख रहे थे। उनके इस कार्य में गणेशजी ने विघ्न डाल दिया जिससे क्रोधित होकर कार्तिकेय ने उनके एक दांत को पकड़कर तोड़ दिया। यह कथा संभवत: भविष्य पुराण के चतुर्थी कल्प में है। दूसरी कथा हमें गशेण पुराण के चतुर्थ खंड में मिलती है कि एक बार शिवजी की तरह ही गणेशजी ने कैलाश पर्वत पर जाने से परशुरामजी को रोक दिया था। तब क्रोधित होकर परशुरामजी ने शिवजी के दिए हुए फरसे का उन पर प्रयोग किया जिसके चलते गणेशजी का बायां दांत टूट गया। तीसरी कथा के अनुसार गजमुखासुर नामक असुर को वरदान प्राप्त था कि वह किसी भी अस्त्र-शस्त्र से नहीं मारा जा सकता। इसीलिए गणेशजी को अपने एक दांत तोड़कर उसका वध करना पड़ा। चौथी कथा के अनुसार महर्षि वेद व्यासजी ने गणेशजी से महाभारत लिखने की प्रार्थना की तो उन्होंने कहा कि इस शर्त पर लिखूंगा कि आप बीच में ही बोलना ना रोगेंगे। तब महर्षि ने भी एक शर्त की आप जो भी लिखेंगे वह उसे समझकर ही लिखेंगे। गणेशजी भी शर्त मान गए। अब दोनों ने काम शुरू किया और महाभारत के लेखन का काम प्रारंभ हुआ। महर्षि के तेजी से बोलने के कारण कुछ देर लिखने के बाद अचानक से गणेशजी की कलम टूट गई। अब अपने काम में बाधा को दूर करने के लिए उन्होंने अपने एक दांत को तोड़ दिया और स्याही में डूबाकर महाभारत की कथा लिखने लगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मेष और तुला वाले बरतें सावधानी, पढ़ें 9 सितंबर 2021,गुरुवार का राशिफल