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Sunday, 25 May 2025
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क्या है गणेशजी को दूर्वा चढ़ाने का महत्व? भगवान गणेश को क्यों पसंद है दूर्वा घास?

पूजा के दौरान दूर्वा चढ़ाने से भगवान अधिक प्रसन्न होते हैं, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

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WD Feature Desk

, बुधवार, 4 सितम्बर 2024 (14:57 IST)
Ganesh Chaturthi 2024
Ganesh Chaturthi 2024 : पूरे देश में गणेश चतुर्थी का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। विधि-विधान के साथ भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। प्राचीनकाल से भगवान गणेश की इस पूजा में गणेश जी पर दूर्वा घास भी चढ़ाई जाती है। क्योंकि बिना दूर्वा घास (जिसे दूब घास भी कहते हैं) के गणेश जी की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। भगवान गणेशजी को 3 या 5 गांठ वाली दूर्वा अर्पण करने से वें शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। इसीलिए उन्हें दूर्वा चढ़ाने का शास्त्रों में महत्त्व बताया गया है।  
 
राक्षस अनलासुर को निगल लिया था
पुराणों में वर्णित कथा अनुसार, एक समय लोगों को जीवित ही निगल लेने वाले राक्षस अनलासुर का भयंकर आतंक मचा हुआ था। उसका अत्याचार इतना बढ़ गया था कि उसने स्वर्ग और पाताल लोकों को भी परेशान कर दिया था। तब सभी देवता अत्यधिक परेशान हो, इस संकट से मुक्ति पाने के लिए, भगवन शिव के पास पहुंचे। भगवन शिव ने इसका समाधान गणेश जी से पूछने को कहा। सभी देवताओं ने गणेश जी की स्तुति कर उनसे अनलासुर का वध करने की प्रार्थना की। गणेश जी ने राक्षस अनलासुर को निगल लिया, लेकिन इससे उनके पेट में काफी जलन होने लगी। 
Ganesh Chaturthi 2024
 
दूर्वा ने शांत की पेट की ज्वाला 
अनेक उपाय किए गए, लेकिन ज्वाला शांत नहीं हुई। जब कश्यप ऋषि को यह बात मालूम हुई, तो ये तुरंत कैलास गए और 21 दूर्वा एकत्रित कर एक गांठ तैयार कर गणेश जी को खिलाई, जिससे उनके पेट की ज्वाला तुरंत शांत हो गई। इससे गणेशजी का ताप शांत हो गया था। इस कारण से भगवान गणेश को दूर्वा पसंद है। 
 
दूर्वा चढ़ाने से जल्द प्रसन्न होते है भगवान गणेश 
भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा चढ़ाने का विशेष रूप से महत्व होता है। बिना दूर्वा के भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है। दूर्वा चढ़ाने से सभी तरह के सुख और संपदा में वृद्धि होती है। माना जाता है कि उन्हें तीन या पांच गांठ वाली दूर्वा अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न हो कर अपने भक्तों को मनोवांछित फल देते हैं।

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