प्रश्न- दद्दू जी, लगता नहीं है कि अब इसरो को प्रज्ञान रोवर तथा विक्रम लैंडर को जगाने में सफलता हासिल होगी। देश को कितनी निराशा होगी।
उत्तर- देखिए, इन दोनों भाइयों का निद्रा से जागना एक बोनस होता। इनके न जाग पाने से इसरो की सफलता कम नहीं हो जाती है। फिर भी चमत्कार के अभिलाषी देशवासी निराश तो हैं। पर सबसे ज्यादा निराशा देश के मीडिया और टीवी चैनल्स को हुई है। खामख्वाह दस दिनों का चटपटा मसाला हाथ से निकल गया। रोवर और लैंडर हमेशा के लिए दूर के हो गए।