दद्दू का दरबार : न मानेंगे न मानने देंगे

एमके सांघी
प्रश्न : दद्दू जी, दिल्ली में कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए चल रहे किसान आंदोलन के चलते सरकार इस हद तक झुक चुकी है कि वह इन कानूनों को आगामी डेढ़ सालों के लिए स्थगित करने के लिए तैयार है। फिर भी विपक्षी नेताओं की शह पर किसान नेता एमएसपी की गारंटी और तीनों कृषि बिल को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। क्यों? 
 
उत्तर : ऐसा इसलिए है ज़नाब क्योंकि जो सरकार के वाज़िब प्रस्ताव को मानना चाहते भी हैं उन्हें दूसरे लोग मानने नहीं दे रहे हैं। यदि किसानों के बीच सरकार के प्रस्ताव को मानकर आंदोलन खत्म करना या न करना इसे लेकर गुप्त मतदान करवाया जाए तो बहुमत आंदोलन समाप्त करने के पक्ष में आएगा यानी असल विरोध कृषि कानूनों से नहीं बल्कि मोदीजी से है। 

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