'मित्रता दिवस' के अवसर पर ढेर सारे पाठकों ने अपने मित्रों और प्रियजनों के नाम संदेश भेजा है। यहाँ हम उनमें से कुछ चुनिंदा संदेश प्रकाशित कर रहे हैं।
दोस्ती जीवन की लय है।
- विनोद कुमार (kumarvinods@rediffmail.com )
मेरे प्यारे दोस्त तुम्हें मेरा सलाम। मैं एक बार नहीं, बल्कि हजार बार खुदा का शुक्रिया अदा करूँगा कि मुझे तुम्हारे जैसा दोस्त मिला। दोस्ती पर लिखने के लिए अल्फाज़ मेरे पास नही हैं।
‘हाथ मिलाना दोस्ती का नाम नहीं है,
दर्दे फुरकत गम-ए-तनहाई उमर,
ये दोस्ती का कोई ईनाम नही है।’
-उमर मलिक (mohad_umar_malik@webdunia.com)
सच्चे दोस्त बनाने के लिए किसी विशेष अनुभव की आवश्यकता नहीं होती। बस आप अपने अनुभव से जान सकते हैँ कि कौन आपका सच्चा दोस्त है। अगर आप किसी मुसीबत में हों और उस वक्त जो आपके काम आए, वही सच्चा दोस्त होता है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है, जिसे आप खुद बनाते हैं और आगे बढ़ाते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने दोस्तों पर विश्वास करें और मुसीबत में उनकी मदद करें।
- सुलभ जोशी (subhmnu@epatra.com)
मेरे प्यारे,मुझे उम्मीद है कि मैं तुम्हें सबसे पहले शुभकामना देने वालों में से हूँ।
-राजन (rajan.pandey@webdunia.com)
मेरे मित्र पराग निमेष से मेरी मुलाकात पिछले 25 सालों से नहीं हुई। आप कहाँ हैं, मुझे मालूम नहीं। क्या इस तरह किसी को भूल जाना चाहिए? मेरा पता तो स्थायी है, लेकिन आपका नहीं। यह जानते हुए भी आपने संपर्क करने की कोशिश नहीं की। किसी का भी काम किसी के बिना चल जाता है, लेकिन अफसोस इस बात का है कि अपने भी ऐसा करते हैं। आपकी दिलचस्पी लेखन में थी। हमारे स्कूल के एकमात्र लेखक आप ही थे। मैंने भी आपकी ही प्रेरणा से लिखना शुरू किया था। आपने ही हौसला बँधाया था। एक बार मिलें ऐसी कामना है।
- अशोक मानवानी (ashokmanwani22@hotmail.com)
अरुण,
तुमने ही मुझे दोस्ती का अर्थ समझाया और प्यार निभाना भी। इस बार यह दिन मेरे लिए खास है, क्योंकि प्रिय तुम्हारा जन्मदिन भी है। मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ, तुम्हारे जैसे दोस्त और पति को पाकर। तुम्हें ढेर सारा प्यार। सिर्फ तुम्हारी
- सोनाली (lucky_232@rediffmail.com)
‘कौन किसके करीब होता है, ये तो अपना नसीब होता है,
जिसके पास हो तुम जैसा दोस्त, वो बड़ा खुशनसीब होता है।’
-अमरनाथ श्रीवास्तव (amar_shrivastava@rediff.com)
दोस्त, भाई और रिश्तेदारों से कहीं बढ़कर होता है। सच्चे दोस्त वही होते हैं, जो संकट में काम आएँ।
- सुनील चौधरी (08000749@echoupal.com)
प्रिय मित्र आनंद,
‘मरने पर हमें जन्नत मिले-न-मिले
ये हवाएँ ये फिजाएँ मिले-न-मिले
एस.एम.एस. करने में कोई कसर मत छोड़ना
क्या पता नर्क में नेटवर्क मिले न मिले।’
‘ऐ दोस्त, तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम आज के बाद
कीचड़ बहुत हो गया है बरसात के बाद।’
‘दोस्त सच्चा हो तो वक्त रुक जाता है,
आसमाँ लाख ऊँचा हो मगर झुक जाता है,
दोस्ती में दुनिया लाख बनाए रुकावट,
दोस्त सच्चा हो तो खुदा भी झुक जाता है।’
- आयुष (aayush@epatra.com)
ईश्वर ने एक फूल उठाया
और उसे जमीं पर गिराया
प्यार से फिर उसको सहलाया
और फिर वह फूलमेरे दोस्त
तुम्हारे रूप में धरती पर आया
फिर ईश्वर ने वह लेकरबड़े नेह से मुझे थमाया
और कहायह सिर्फ तुम्हारे लिए है.....
- शहजाद अहमद (silence786007@yahoo.com)
प्यारे दोस्त,
नमस्कार।
मैं तुम्हारे साथ अपनी दोस्ती हमेशा कायम रखूँगा।
- साहिल ठाकुर (23001976@echoupal.com)
अंजाने अनपहचाने
दो लोग
बँधते हैं जब
मैत्री की डोर से,
तब पनपता है एक विश्वास्,
जन्म लेता है एक अहसास,
जो, घने कुहासे के बीच भी
दीपित किरन-सा
रहता है जगमगाता
सदा के लिये !!’
- डॉ दिव्या सिंहल (ajmerkidivya@gmail.com)
ऐ, दोस्त कैसे हो?
जरा मुझे भी तो बताओ।
- शंकर (jhashankar_1984@yahoo.co.in)
विज्ञान ने यह साबित कर दिया है कि शक्कर पानी में घुल जाता है, इसलिए मेरे दोस्त कृपा करके बारिश में मत जाना, नहीं तो तुम्हारे जैसा मीठा दोस्त मैं खो दूँगा।
- गीत शुक्ला (sangeeta_shukla10@yahoo.com)
दोस्ती की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
- मनीष बोथरा (manishbothra_2003@yahoo.com)
मैं अपने सभी दोस्तों को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामना देता हूँ। आपको दुनिया की सभी खुशियाँ मिलें और सारे दोस्त मेरे जैसे मिलें। मित्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएँ।
-सुमन (suman_dream@rediffmail.com)
मेरे प्यारे दोस्तों,
मैं सभी दोस्तों से माफी माँगता हूँ और यह बताना चाहता हूँ कि हमारी दोस्ती वैसी ही है, जैसी कॉलेज के जमाने में थी। हो सके तो मुझे माफ कर देना।
- विशाल बहोरे (vishal_bahore@webdunia.com)
दोस्त मेरे, प्यारा भरा नमस्कार।
मित्रता दिवस पर आपको नमस्कार।
आपका काम कैसे चल रहा है और वेबदुनिया मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।
धन्यवाद सा।
चेनाराम गौदारा (rjhelpdesk@echoupal.com )
एक बंधन दोस्ती,
पाताल की गहराइयों से गगन की ऊँचाई तक
है संपूर्ण ब्रम्हांड जैसा एक बन्धन दोस्ती,
आसमाँ आँसू बहाता ओस कह्ते हैं जिसे
धूप बनकर पोंछ्ता एक बंधन दोस्ती,
पौधे-सा दिल इठला रहा काँटो-सा कोइ दर्द है
आस का संचार करता एक बंधन दोस्ती।
दीपमाला सोलंकी (chouhan_deepa@yahoo.com)
प्रिय मित्र,जीवन की खूबसूरती का नाम दोस्ती है।आपको मित्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
मनीष (dream_way38163@yahoo.com)
किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं
पराया दर्द अपनाए उसे इंसान कहते हैं।मित्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
सुधीर खंडेलवाल (341303@webdunia.com)
प्रिय मित्रों,आप सभी को हमारी ओर से मित्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
स्मिता, आनंद, गौरव (smile_sk30@yahoo.co.uk)
दोस्त बनाना भी एक कला है। सभी न दोस्त बन सकते हैं और न ही सभी दोस्त बना सकते हैं।
पूनम कालिया (ginni520@hotmail.com)
दोस्ती के बहुत नाम हैं। हर रिश्ते में दोस्ती है। एक माँ के लिए बेटी से और एक पिता के लिए बेटे से बढ़कर दोस्त और कोई नहीं है। दोस्ती में कोई शर्त नहीं होती। दोस्ती नाप-तौलकर नहीं की जाती और जो ऐसा करते हैं, वे सच्चे दोस्त नहीं होते। भगवान और परिवार के बाद जो नाम है, वह दोस्ती का है। दोस्ती के बिना जीवन अधूरा है। जो हर सुख-दुख में साथ निभाए, वही सच्चा दोस्त है।
श्वेता कटकवर (shwetakatakwar@yahoo.com)
एक पेड़ से जंगल बन सकता है और एक हँसी से दोस्ती की शुरुआत हो सकती है। एक स्पर्श प्यार और दोस्ती की गहराई को अभिव्यक्त कर सकता है। एक दोस्त जीवन को सँवार सकता है।
दोस्त तो अनेक बनाए, मगर जिंदगी में सिर्फ दो ही दोस्त मेरे बहुत करीब रहे हैं। एक दोस्त अमित, जिसके साथ बचपन से खेला-कूदा और आज भी हम अच्छे दोस्त हैं और एक-दूसरे की आज भी मदद करते रहते हैं। दूसरा दोस्त जिसे अपने दिल में बसाया, मगर कभी कह नहीं पाया। आज भी उनसे दोस्ती है।
दिनेश (dinesh@sify.com)
सभी अच्छे दोस्त चाहते हैं, मगर दोस्त बनाना नहीं चाहते। भगवान का शुक्र है कि मैंने ऐसा नहीं किया।
- विनोद कुमार (kumarvinods@rediffmail.com )