38 सालों से देवी का श्राप भोग रही है अर्जेन्टीना की टीम

सीमान्त सुवीर
रूस में 14 जून से शूरू होने जा रहे 21वें फीफा विश्व कप फुटबॉल में अर्जेन्टीना की टीम बतौर पिछले उपविजेता की हैसियत से अपना अभियान शुरू करेगी। इस बार भी पिछले विश्व कप में 4 गोल दागकर 'मैन ऑफ द मैच' लियोनेल मैसी पर ही नजरें रहेंगी, जिनका यह आखिरी विश्व कप होगा। 30 के मैसी 2006, 2010 और 2014 का विश्व कप खेल चुके हैं। 
 
 
वादे को पूरा नहीं करने की सजा : 1978 के बाद अर्जेन्टीना ने 1986 में चैम्पियन बनकर फीफा विश्व कप को चूमा था लेकिन इसके बाद प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की मौजूदगी के बाद भी वह क्यों नहीं चैम्पियन बन पाई इसके कई कारण हो सकते हैं। एक कारण यह भी हो सकता है कि उसने 28 साल पहले एक मंदिर की देवी के सामने किए वादे को पूरा नहीं किया और उसी की सजा यह टीम आज तक भुगत रही है।
'तिलकारा' गांव पर कोच की नजर पड़ी : 1986 के विश्व कप की मेजबानी मैक्सिको ने की थी। मैक्सिको सिटी समुद्र तल से बहुत ऊंचाई पर स्थित है और वहाँ की गर्मी जानलेवा होती है, इसीलिए जब सुपर स्टार डिएगो मेराडोना के साथ 1986 में अर्जेन्टीना की टीम ने अभ्यास के लिए जगह की तलाश शुरू की तो बोलीविया की सीमा से लगे गांव 'तिलकारा' पर कोच कार्लोस बिलार्डो की नजर पड़ी।
 
'वर्जिन ऑफ कोपाकबाना' देवी के चमत्कार : स्थानीय लोगों ने 'वर्जिन ऑफ कोपाकबाना' नाम की देवी के मंदिर और उसके चमत्कारों के बारे में जब अर्जेन्टीना टीम को बताया तो कोच बिलार्डो पूरी टीम को लेकर मंदिर पहुंच गए। देवी से आशीर्वाद मांगने के बाद वादा किया कि यदि उनकी टीम विश्व कप जीत गई तो वह 'फीफा विश्व कप' के साथ दोबारा यहां आएंगी और देवी को धन्यवाद देगी। 
देवी से किया हुआ वादा भूली टीम : 1986 में अर्जेन्टीना ने पश्चिमी जर्मनी को 3-2 से हराकर विश्व कप जीता लेकिन जीत के उन्माद में डिएगो मेराडोना की अगुआई और बिलार्डो की कोचिंग वाली यह टीम देवी से किया हुआ वादा भूल गई। तिलकारा के रहवासी आज भी अर्जेन्टीना वालों को ताना मारते हुए कहते हैं कि वादा पूरा न करने का परिणाम उसकी फुटबॉल टीम को भुगतना पड़ रहा है। 
 
कोच बिलार्डो की सफाई : इस ताने के बदले में बिलार्डो का कहना था कि वे निजी रूप से तिलकारा गए थे, लेकिन किसी ने उन पर ध्यान नहीं दिया। 2006 के विश्व कप में उतरने से पहले अर्जेन्टीना फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष हुलियो हम्बर्टो ग्रोंडाना तिलकारा जाकर देवी के मंदिर में गए लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी टीम अभी तक देवी के श्राप से मुक्त नहीं हो पाई है।
 
अर्जेन्टीना टीम का प्रदर्शन (1986 से लेकर 2014 तक) 
1986 में विश्व चैम्पियन (पहला स्थान)
1990 में उपविजेता (दूसरा स्थान) 
1994 में अंतिम सोलह में (पांचवा स्थान) 
1998 में क्वार्टर फाइनल में (छठा स्थान)
2002 में ग्रुप स्टेज से आगे नहीं (18वां स्थान)  
2006 में क्वार्टर फाइनल (छठा स्थान) 
2010 में क्वार्टर फाइनल (पांचवां स्थान)
2014 में उपविजेता (दूसरा स्थान) 
2018 में स्थान का इं‍तजार... 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

INDvsNZ सीरीज के बाद इन 4 में से 2 सीनियर खिलाड़ियों हमेशा के लिए होंगे ड्रॉप

पहले 68 साल में सिर्फ 2 टेस्ट तो भारत में इस सीरीज के 10 दिनों में 3 टेस्ट मैच जीती न्यूजीलैंड

IPL को रणजी के ऊपर तरजीह देने के कारण ROKO हुए बर्बाद, सचिन गांगुली नहीं करते ऐसी गलती

श्रीलंका और भारत में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गंभीर पर उठ रहे सवाल

टेस्ट इतिहास का सबसे अनचाहा रिकॉर्ड बनने पर रोहित शर्मा बोले यह सबसे खराब दौर

सभी देखें

नवीनतम

IND vs AUS : डेब्यू के वक्त घबराए हुए थे हर्षित राणा, गंभीर और माता-पिता के शब्दों ने की थी मदद

गावस्कर ने बांधे जायसवाल की तारीफों के पुल, कहा बल्लेबाजी को लेकर अलग नजरिया पेश करता है

ICC और BCCI अधिकारियों के साथ चैम्पियंस ट्रॉफी विवाद सुलझाने को कोई बैठक नहीं : PCB

IND vs AUS : ऑस्ट्रेलिया में पहली बार खेल रहे यशस्वी जायसवाल ने लगाई रिकार्ड की झड़ी

0 के बाद शतक, पहले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर ही जायसवाल ने जड़ा सैंकड़ा

अगला लेख
More