गेलेंदजिक (रूस)। फुटबॉल विश्व कप में अपना पहला मैच गंवाने के बाद ग्रुप 'डी' की तालिका में सबसे नीचे काबिज नाइजीरिया की नजरें पहली बार विश्व कप में खेल रही आइसलैंड पर जीत दर्ज करने पर लगी होगी।
नाइजीरिया के लिए यह इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि आइसलैंड ने विश्व कप के अपने पहले ही मैच में खिताब की प्रबल दावेदार अर्जेंटीना को 1-1 की बराबरी पर रोका था। इस मैच में आइसलैंड के गोलकीपर हानेस हालडोरसन महान खिलाड़ी लियोनेल मैसी की पेनल्टी का शानदार बचाव कर मैच के हीरो बने थे।
'सुपर ईगल्स' के नाम से पहचानी जाने वाली नाइजीरियाई टीम के कोच गनोर्ट रोहर सबसे युवा टीम के साथ रूस आए हैं जिसके खिलाड़ियों की औसत उम्र 25 साल के आसपास हैं। टीम हालांकि विश्व कप के पिछले 13 मैचों में सिर्फ 1 में ही जीत दर्ज कर सकी है।
विश्व कप 2014 में नॉकआउट का सफर तय करने वाली नाइजीरिया को पहले मैच में क्रोएशिया ने 2-0 से हराया था जिसमें टीम के मिडफील्डर इटेबो का आत्मघाती गोल भी शामिल था। पिछले विश्व कप के प्री-क्वार्टर फाइनल में फ्रांस से हारने वाली टीम के ज्यादातर खिलाड़ी इस टीम में शामिल नहीं हैं। टीम में 19 साल के गोलकीपर फ्रांसिस उजोहो भी हैं।
कोच रोहर ने कहा कि हमें सेट पीसेस में थोड़ी परेशानी हो रही थी लेकिन हम इस पर काम करेंगे। आइसलैंड की टीम अर्जेंटीना से ड्रॉ खेलकर उत्साहित है। उनके कोच हेमिर हालग्रिमसन ने अपने खेल से लियोनेल मैसी को रोकने के लिए सरल तरीका बताया।
मैसी ने हालांकि शिकायत कि आइसलैंड खेलना नहीं चाहता था लेकिन इस टीम को उनकी आलोचना की परवाह नहीं है। गोलकीपर हालडोरसन ने कहा कि शायद वे (मैसी) तब खुश होते, जब हम आक्रामक फुटबॉल खेलते और मैच 0-5 से गंवा देते। लोगों की अपनी राय हो सकती है लेकिन हमें किसी की परवाह नहीं।
उन्होंने कहा कि वोल्गोग्राद में नाइजीरिया को हराना मुश्किल होगा। हालडोरसन ने कहा कि वे तेज फुटबॉल खेलते हैं और कई मायनों में यह अलग तरह का मैच होगा। रोहर को उम्मीद है कि टीम नॉकआउट में जगह पक्की कर सकती है। उन्होंने कहा कि हम उनसे (आइसलैंड) से सिर्फ 1 अंक पीछे है और सब कुछ हमारे हाथ में है इसलिए सकारात्मक रहने की जरूरत है। टीम को क्रोएशिया के खिलाफ मिली हार से सीखकर अच्छा करना होगा। (भाषा)