मॉस्को। पिछले कुछ वर्षों में डोपिंग के विवादों से जूझ रहा और फीफा विश्व कप में सबसे निचली रैंकिंग के साथ उतर रहा मेजबान रूस टूर्नामेंट के उद्घाटन मुकाबले में सऊदी अरब के खिलाफ विजयी शुरुआत करने के लक्ष्य के साथ उतरेगा।
रूस और सऊदी अरब के मुकाबले से फुटबॉल के महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी। यह मुकाबला लुजनीकी स्टेडियम में खेला जाएगा और दोनों टीमों की नजरें विजयी शुरुआत करने पर लगी होंगी। रूस और सऊदी अरब के ग्रुप 'ए' में मिस्र और पूर्व विजेता उरुग्वे जैसी टीमें हैं। इस मुकाबले में जो टीम जीतेगी, उसके लिए नॉकआउट दौर में पहुंचने की संभावना बढ़ जाएगी।
रूस ने जब विश्व कप के आयोजन के लिए दावेदारी की थी तब उसकी टीम बुलंदी पर थी। रूस ने 2008 की यूरोपियन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बनाई लेकिन तब से अब तक समय में बदलाव आ चुका है। रूस 32 टीमों के विश्व कप में सबसे निचली रैंकिंग की टीम के रूप में उतर रहा है। वह 2008 से किसी भी टूर्नामेंट में ग्रुप चरण से आगे नहीं निकल सका है जिसे देखते हुए रूसी टीम अपने देश की उम्मीदों को बनाए रखने के लिए शानदार शुरुआत करना चाहेगी।
रूस ने मेजबान होने के नाते क्वालीफिकेशन प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया और उसे सीधे विश्व कप में जगह मिल गई। लेकिन इसके बाद के परिणामों में रूस को अपेक्षित सफलता हासिल नहीं हुई और वह विश्व रैंकिंग में 66वें नंबर पर खिसक गया। रूस की आखिरी जीत अक्टूबर 2017 में दक्षिण कोरिया के खिलाफ थी और उसके बाद से 7 मैचों में उसे कोई जीत हासिल नहीं हुई।
दूसरी ओर सऊदी अरब ने विश्व कप के लिए अपनी तैयारियों को पूर्व चैंपियन इटली के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैच से तेजी दी। हालांकि सऊदी अरब की टीम इस मुकाबले में 1-2 से हार गई थी। याहिया अल शहरी ने इस मैच में अपनी टीम का एकमात्र गोल किया। यह भी दिलचस्प है कि इटली की टीम इस बार विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी है।
5वीं बार विश्व कप में खेल रहे सऊदी अरब ने टूर्नामेंट आने तक 2 कोचों को बर्खास्त किया है। एडगार्डों बाउजा को 5 मैचों के बाद ही उस समय बर्खास्त किया गया, जब ड्रॉ निकलने में 9 दिन बाकी थे। सऊदी अरब ने भी लगातार 3 मैत्री मैच गंवाए हैं। हालांकि यह पराजय उसे इटली, पेरू और गत चैंपियन जर्मनी से मिली है।
दोनों टीमें विश्व कप में अपनी जीत का सूखा समाप्त करने उतरेंगी। रूस ने 2002 के बाद से विश्व कप में कोई मैच नहीं जीता है जबकि सऊदी अरब की आखिरी जीत 1994 में अमेरिका में हुए विश्व कप में थी। रूस ने विश्व कप की तैयारियों के लिए नोवोगोर्स्क में अपने बेस में एक सप्ताह की ट्रेनिंग बहुत शांत तरीके से की है। मॉस्को में जहां विश्व कप को लेकर हलचल मची हुई थी वहीं रूसी टीम शांति से अपना अभ्यास कर रही थी।
मेजबान टीम के पक्ष में एक दिलचस्प आंकड़ा आता है। विश्व कप में कोई भी मेजबान टीम उद्घाटन मैच नहीं हारी है। मेजबान टीमों ने 6 जीत हासिल की है और 3 मैच ड्रॉ रहे हैं। रूस ने 1970 में सोवियत संघ के रूप में मैक्सिको के साथ विश्व कप का ओपनिंग मैच गोलरहित ड्रॉ खेला था और टीम को उम्मीद है कि उसकी विश्व कप में सकारात्मक शुरुआत होगी। (वार्ता)