ब्रसेल्स। मायूसी है लेकिन मलाल नहीं, गम है लेकिन गर्व भी है, आंखे नम है लेकिन सिर फख्र से ऊंचा है। कुछ यही हाल है बेल्जियम के फुटबॉल प्रेमियों का जिनकी टीम विश्व कप सेमीफाइनल में फ्रांस से हार गई।
मंगलवार रात हुए सेमीफाइनल मैच में आखिरी सीटी बजते ही यहां सन्नाटा पसर गया। वाटरलू में विशाल स्क्रीन के सामने मैच देख रही एलिस कोर्डियेर ने कहा, ‘हम दुखी है।’ वाटरलू वह जगह है जहां फ्रांस के शासक नेपोलियन बोनापार्ट को 1815 की लड़ाई में यूरोपीय सेना ने हराया था।
उन्होंने कहा कि फ्रांस से हारने का बहुत दुख है। हमारी किस्मत खराब थी। इस हार के बावजूद हमें टीम पर गर्व है। बेल्जियम दूसरी बार विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंचा था। इससे पहले 1986 में उसे डिएगो मेराडोना की अर्जेंटीना टीम ने हराया था और बाद में खिताब भी जीता था। फ्रांस तीसरी बार फाइनल में पहुंचा है।
बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल ने ट्विटर पर लिखा, ‘शानदार प्रदर्शन रेड डेविल्स। सेमीफाइनल में अंत तक रोमांच बना रहा।’ एक टेनिस क्लब के मैनेजर धावे ने कहा कि हम दुखी है लेकिन टीम ने अच्छा खेला। हमारे प्रमुख खिलाड़ी फार्म में नहीं थे जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। (भाषा)