भारतीय परिधानों की बात की जाए तो जाएं तो साडि़या महिलाओं और लड़कियों दोनों के लिए ऑल टाइम फेवरेट ड्रेस है। आउटफिट्स में महिलाएं साड़ी लेने में देरी नहीं करती हैं। साड़ी भारतीय संस्कृति का बहुत पुराना हिस्सा है। इसे पहनने के बाद खूबसूरती और अधिक बढ़ जाती है। इन्हें पहनने के बाद एक क्लासी और एलीगेंट लुक दे सकते हैं। इस दिवाली कुछ नया ही पहनना चाहते हैं तो क्यों नहीं दूसरे राज्यों की परंपरागत साड़ी पहनें। वो आपको अलग एहसास के साथ नया लुक भी देगी। तो आइए जानते हैं -
- चंदेरी साड़ी - यह साड़ी मप्र की शान है। यह पहनने में बहुत हल्की और सुंदर लगती है। यह शुद्ध रेशम, चंदेरी कपास और रेशम कपास से बनती है। मप्र के खजराना की प्रसिद्ध साड़ियों पर सोने और चांदी के बर्तन किए जाते हैं। जिन्हें पहनकर आप त्योहार में चार चांद लगा सकती है।
- कांजीवरम साड़ी - यह साड़ी तमिलनाडु में पहनी जाती है। इसे शहतूत के शुद्ध रेशम के धागों से तैयार किया जाता है। जो अब महिलाओं की पहली पसंद बन रही है। इस प्रकार की साड़ी ब्राइट कलर्स में ज्यादा सुंदर लगती है। और त्योहार पर पहन रहे हैं तो लाल कलर सबसे अधिक खुल कर आएगा।
- मैसूर सिल्क साड़ी - काम के कारण अक्सर महिलाएं नई साड़ी नहीं पहनती है। लेकिन आप तलाश रहे हैं तो मैसूर की सिल्क साड़ी बेस्ट ऑप्शन है। जी हां, इसे पहनकर आप आराम से काम कर सकती हैं। यह कर्नाटक के मैसूर शहर में बनाई जाती है।
- पैठानी साड़ी - यह महाराष्ट्र की पारंपरिक साड़ी है। यह रंग-बिरंगी होती है और चटक रंग में आती है। मुख्य रूप से डार्क ग्रीन और डार्क पिंक अच्छा लगता है। इसके अलावा आमरस रंग में यह साड़ी जंचती है।
- नौवारी साड़ी - यह भी महाराष्ट्र की पारंपरिक साड़ी है। जिन्हें शादी या त्योहार में अक्सर पहना जाता है। नौवारी में 18 अलग-अलग प्रकार की साड़ी आती है। लेकिन नौवारी साड़ी की बात अलग है। यह सोने के तारों से गूंथ कर बनाई जाती है। रेशम और सोने के तार से गूंथ कर तैयार की जाती है।