नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं होने को लेकर केंद्र के खिलाफ 21 मार्च को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा। संगठन के एक पदाधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। यहां दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में दिनभर बंद कमरे में चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
एसकेएम नेताओं और सदस्यों ने किसानों से किए गए वादों पर केंद्र द्वारा अब तक की गई प्रगति की समीक्षा की जिसमें एमएसपी पर एक समिति गठित करने का वादा भी शामिल है। एसकेएम के वरिष्ठ सदस्य अभिमन्यु कुहाड़ ने कहा कि केंद्र ने किसानों से एमएसपी पर कानून बनाने, किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से निकालने के मुद्दे पर किए गए वादों को पूरा करने में कोई प्रगति नहीं की है।
कुहाड़ ने कहा कि इसलिए एसकेएम ने वादों को पूरा नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 21 मार्च को जिला और ब्लॉक स्तर पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। एसकेएम 40 किसान यूनियनों का एक संगठन है जिसने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ 1 साल से अधिक समय तक चले आंदोलन का नेतृत्व किया था। एसकेएम ने बाद में एक बयान में कहा कि किसान अपने राष्ट्रव्यापी अभियान के अगले चरण के तहत 11 से 17 अप्रैल तक एमएसपी गारंटी सप्ताह मनाएंगे।
बयान में कहा गया है कि किसानों को दिए आश्वासनों पर 3 महीने बाद भी अमल नहीं करना केंद्र सरकार की किसान विरोधी मंशा को उजागर करता है। इस बीच बैठक के दौरान हाल में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले एसकेएम से निलंबित समूहों के सदस्यों और अन्यों को बीच हाथापाई हो गई जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
किसान नेताओं के अनुसार एसकेएम ने पंजाब और उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले कुछ समूहों को 15 जनवरी को हुई अपनी बैठक में 4 माह के लिए निलंबित कर दिया था। एसकेएम के एक पदाधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि बैठक स्थल पहुंचे उन किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने बैठक में हिस्सा लेने की जिद की।
पदाधिकारी ने कहा कि वे एसकेएम की बैठक में हिस्सा लेना चाहते थे लेकिन एसकेएम के नेतृत्व ने उन्हें याद दिलाया कि उन्हें 4 महीने तक के लिए निलंबित किया गया है, लेकिन उन्होंने बैठक स्थल से जाने से इंकार कर दिया इसलिए बैठक कुछ घंटे तक स्थगित कर दी गई। एसकेएम की बैठक में मौजूद सूत्रों ने दावा किया कि बैठक शुरू होते ही किसान नेताओं ने एक-दूसरे से हाथापाई भी की।