Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

सुप्रीम कोर्ट किसान आंदोलन संबंधी मामले में 11 जनवरी को करेगा सुनवाई

हमें फॉलो करें सुप्रीम कोर्ट किसान आंदोलन संबंधी मामले में 11 जनवरी को करेगा सुनवाई
, बुधवार, 6 जनवरी 2021 (16:59 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि 3 कृषि कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली और दिल्ली सीमा पर किसानों के आंदोलन से संबंधित याचिकाओं पर 11 जनवरी को सुनवाई की जाएगी। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी की कि किसानों के आंदोलन के मसले पर जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं हुआ है। केंद्र ने पीठ को सूचित किया कि सरकार और किसानों के बीच इन मसलों पर 'स्वस्थ विचार-विमर्श' जारी है।
 
अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि निकट भविष्य में संबंधित पक्षों के किसी नतीजे पर पहुंचने की काफी उम्मीद है और नए कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र का जवाब दाखिल होने की स्थिति में किसानों और सरकार के बीच बातचीत बंद हो सकती है।
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि सरकार और किसानों के बीच स्वस्थ वातावरण में बातचीत जारी है और इस मामले को 8 जनवरी को सूचीबद्ध नहीं किया जाना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि हम स्थिति को समझते हैं और सलाह-मशविरे को प्रोत्साहन देते हैं। अगर आप बातचीत की प्रक्रिया के बारे में कहते हैं तो हम इस मामले को सोमवार 11 जनवरी के लिए स्थगित कर सकते हैं।
 
शीर्ष अदालत अधिवक्ता मनोहरलाल शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। शर्मा ने भी तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दे रखी है। पीठ ने शर्मा की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। शर्मा का तर्क है कि केंद्र को संविधान के तहत इन कानूनों को बनाने का अधिकार नहीं है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि ये किसानों से संबंधित मामले हैं। दूसरे मामले कहां हैं? वे कब सूचीबद्ध हैं? हम सारे मामलों की एकसाथ सुनवाई करेंगे। पीठ ने मेहता से कहा कि दूसरे मामलों की स्थिति के बारे में पता करें कि वे कब सूचीबद्ध हैं? मेहता ने कहा कि इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पहले कोई निश्चित तारीख नहीं दी गई थी।
पीठ ने कहा कि हम इस याचिका (शर्मा की) को शुक्रवार को सुनवाई के लिए रख रहे हैं और इस बीच संशोधित याचिका को रिकॉर्ड पर लेने की अनुमति दे रहे हैं। पीठ ने कहा कि एमएल शर्मा हमेशा ही चौंकाने वाली याचिकाएं दायर करते हैं और वे कहते हैं कि केंद्र को कानून बनाने का अधिकार नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस याचिका पर पहले से लंबित सारे मामलों के साथ विचार करेगी, क्योंकि हमें लगता है कि स्थिति में अभी कोई सुधार नहीं हुआ है। मेहता ने जब यह कहा कि बातचीत स्वस्थ माहौल में हो रही है, पीठ ने कहा कि वह इन मामलों पर 11 जनवरी को सुनवाई करेगी।
 
शीर्ष अदालत ने नए कृषि कानूनों- कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून, 2020, कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 12 अक्टूबर को केंद्र को नोटिस जारी किया था।
 
न्यायालय ने पिछले साल 17 दिसंबर को दिल्ली की सीमा पर किसानों के आंदोलन को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा था कि किसानों के प्रदर्शन को बिना किसी अवरोध के जारी रखने देना चाहिए और शीर्ष अदालत इसमें दखल नहीं देगी, क्योंकि विरोध का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। न्यायालय ने किसानों के अहिंसक विरोध प्रदर्शन के अधिकार को स्वीकारते हुए कहा था कि उनके विरोध प्रकट करने के मौलिक अधिकार से दूसरे लोगों के निर्बाध तरीके से आवागमन और आवश्यक वस्तुएं प्राप्त करने के मौलिक अधिकार का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए, क्योंकि विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार का मतलब पूरे शहर को अवरुद्ध कर देना नहीं हो सकता। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बर्फबारी से कश्मीर में तबाही, दो की मौत, दर्जनों घर क्षतिग्रस्त