नई दिल्ली। किसान संघों ने बुधवार को सरकार से कहा कि वह नए कृषि कानूनों में निरर्थक संशोधन करने की बात को नहीं दोहराए, क्योंकि इन्हें पहले ही खारिज किया जा चुका है बल्कि वार्ता के एक और दौर के लिए लिखित में ठोस प्रस्ताव दे।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक किसान नेता ने कहा कि वे बातचीत के लिए राजी हैं, लेकिन सरकार को ठोस प्रस्ताव भेजना चाहिए जिस पर अमल होना है।
किसान नेता शिवकुमार कक्का ने बताया कि हम पहले ही गृहमंत्री अमित शाह को बता चुके हैं कि प्रदर्शनकारी किसान संशोधनों को स्वीकार नहीं करेंगे।
स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान संघ सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं और सरकार के मेज पर खुले दिमाग से आने का इंतजार कर रहे हैं। ऑल इंडिया किसान सभा के नेता हन्नान मोल्ला ने दावा किया कि सरकार किसानों को थकाना चाहती है ताकि प्रदर्शन खत्म हो जाए। (भाषा)