सरकार से आज 8वें दौर की बातचीत से पहले किसानों का अल्टीमेटम,मांग नहीं मानी तो दिल्ली में होगी एंट्री
संयुक्त किसान मोर्चा का सरकार को अल्टीमेटम
नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन का आज 40 वां दिन है। आज किसान संगठनों और सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत भी होने जा रही है। आज होने वाली बातचीत को लेकर एक बार फिर किसान संगठनों ने सरकार पर दबाव बनाते हुए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग तेज कर दी है।
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता दर्शनपाल कहते हैं कि सरकार इस कड़ाके की सर्दी में हमारे धैर्य की बहुत परीक्षा ले चुकी है। अगर अब भी सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है, तो हमारे पास अपने मोर्चों से आगे बढ़ दिल्ली में प्रवेश करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचता है। इसके साथ ही अगर सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी तो गणतंत्र दिवस पर किसान दिल्ली में टैक्ट्रर लाकर किसान गणतंत्र परेड करेंगे।
वहीं दूसरी ओर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रही एआईकेएससीसी का कहना है कि आज की वार्ता की सफलता केवल इस बात पर निर्भर है कि तीनों कृषि कानून रद्द किये जाए। इन कानूनों के रद्द किये जाने की प्रक्रिया के बारे में बहुत चर्चा हो चुकी है और एक अध्यादेश से भी तीनों कानूनों को रद्द कर सकती है। सरकार को कानून बनाने और वापस लेने दोनों का अधिकर सवंधिान देता है। इसकी प्रक्रिया न तो समय लेती है और न ही जटिल है। अगर सरकार के पास इच्छा शक्ति है, तो यह केवल एक या दो दिनों में पूरा किया जा सकता है।
आंदोलन के अगले चरण का एलान-किसान संगठन एक ओर सरकार से बातचीत कर रहे है तो दूसरी ओर सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन के अगले चरण का एलान कर दिया है। किसान प्रतिनिधियों का कहना है कि अब किसान आर-पार की लड़ाई में निर्णायक मोड़ पर आ गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने गणतंत्र दिवस तक आंदोलन को तेज और व्यापक बनाने के अनेक कार्यक्रमों की घोषणा की है।
किसान आंदोलन के अगले चरण का एलान-
1-अगर सरकार से आज की वार्ता विफल रहती है तो 6 जनवरी को किसान केएमपी एक्सप्रेस-वे पर मार्च निकालेंगे। उसके बाद शाहजहांपुर पर मोर्चा लगाए किसान भी दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।
2-6 जनवरी से 20 जनवरी तक सरकारी झूठ और दुष्प्रचार का भंडाफोड़ करने के लिए "देश जागृति पखवाड़ा" मनाया जाएगा। इसमें हर जिले में धरने और पक्के मोर्चे आयोजित किए जाएंगे। किसानों में और बाकि जनता में जागृति लाने के लिए अनेक स्थानों पर रैलियां और सम्मेलन आयोजित होंगे।
3-13 जनवरी को लोहड़ी/ संक्रांति के अवसर पर देशभर में "किसान संकल्प दिवस" बनाया जाएगा और इन तीनों कानूनों की प्रतियां को जलाया जाएगा।
4-18 जनवरी को महिला किसान दिवस मना कर देश की खेती में महिलाओं के योगदान को रेखांकित किया जाएगा।
5-23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की याद में "आजाद हिंद किसान दिवस" मनाकर सभी राजधानियों में राज्यपाल के निवास के बाहर किसान डेरा डालेंगे।
6-गणतंत्र दिवस पर किसान दिल्ली में ट्रैक्टर लाकर किसान गणतंत्र परेड करेंगे।