नई दिल्ली। नोएडा सेक्टर-14 ए स्थित चिल्ला बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों में दो फाड़ हो गई है। खबरों के अनुसार नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता खोले जाने से नाराज भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय महासचिव महेंद्र सिंह चौरोली, राष्ट्रीय प्रवक्ता सतीश चौधरी समेत एक महिला किसान नेता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह के निर्णय से नाराज होकर तीनों नेताओं ने इस्तीफा दिया है। किसान आंदोलन में फूट पड़ने लगी है और आने वाले समय में किसान नेता आपस में भिड़ते नजर आ सकते हैं। भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय महासचिव समेत कई नेताओं के इस्तीफे पर राकेश टिकैत ने सफाई में कहा है कि उन्होंने अपने नेताओं द्वारा समझौता करने से नाराज होने पर इस्तीफा दिया है। किसानों में किसी तरह की कोई फूट नहीं है।
अन्नदाताओं का उपवास : किसान नेताओं ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा। इस बीच, दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन से और लोगों के जुड़ने की संभावना है। किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सिंघु बॉर्डर पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
किसानों के एक बड़े समूह ने हरियाणा-राजस्थान सीमा पर पुलिस द्वारा रोके जाने पर रविवार को दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया था।
राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के तहत सोमवार को किसानों का देश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना देने का कार्यक्रम है। राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रविवार को कहा था कि वे सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल करेंगे।
बीकेयू एकता उग्रहान के नेताओं ने भूख हड़ताल से किया इंकार : भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान यूनियन के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वे भूख हड़ताल नहीं करेंगे।
सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी। सुखदेव ने पीटीआई से कहा कि हम एक दिन का अनशन नहीं करेंगे। सुखदेव ने कहा कि हमने कुछ गलत नहीं किया। हमने केवल गुरुवार को मानवाधिकार दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी।