Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ट्रैक्टर परेड हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल, दिल्ली पुलिस ने दर्ज की 22 FIR

हमें फॉलो करें ट्रैक्टर परेड हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल, दिल्ली पुलिस ने दर्ज की 22 FIR
, बुधवार, 27 जनवरी 2021 (10:51 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। हिंसा में 200 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी जिसमें प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था।
 
मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। हिंसा में 200 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
 
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली का प्रस्ताव पेश किया गया था। ट्रैक्टर परेड के संबंध में मोर्चा के साथ दिल्ली पुलिस की कई दौर की बैठक हुई थी।
 
पुलिस ने बताया कि किसानों ने 4 मार्गों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का पुलिस को आश्वासन दिया था लेकिन मंगलवार सुबह करीब 8.30 बजे 6 से 7 हजार ट्रैक्टर सिंघू बॉर्डर पर एकत्र हो गए और पहले से निर्धारित रास्तों पर जाने के बदले मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे। 
 
उन्होंने बताया कि बार-बार समझाने के बावजूद निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया।
 
गाजीपुर एवं टीकरी बॉर्डर से भी इसी तरह की घटना की खबरें आईं। इसके बाद आईटीओ पर गाजीपुर एवं सिंघू बॉर्डर से आए किसानों के एक बड़े समूह ने लुटियन जोन की तरफ जाने का प्रयास किया। 
 
उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया, उन्होंने अवरोधक तोड़ दिए तथा वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि बाद में पुलिस ने हिंसक भीड़ को नियंत्रित कर लिया। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या किसानों ने तिरंगा उतारकर लाल किले पर फहराया ‘खालिस्तानी झंडा’?