Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

किसान आंदोलन को लेकर शरद पवार ने मोदी सरकार को दी सलाह

हमें फॉलो करें किसान आंदोलन को लेकर शरद पवार ने मोदी सरकार को दी सलाह
, सोमवार, 28 दिसंबर 2020 (22:27 IST)
नई दिल्ली। सरकार और किसानों के बीच प्रस्तावित वार्ता के 2 दिन पहले राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने सोमवार को कहा कि केंद्र को किसानों के आंदोलन को ‘बहुत गंभीरता’ से लेना चाहिए और दोनों पक्षों के बीच वार्ता होनी चाहिए।
 
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यह चिंता की बात है कि किसान नए कृषि कानूनों पर केंद्र के साथ गतिरोध के बीच भीषण ठंड में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात के बाद पवार ने कहा कि सरकार को किसानों के आंदोलन को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए...वार्ता होनी चाहिए। किसान कंपकंपाती ठंड में सड़क पर खुले में प्रदर्शन कर रहे हैं, यह हम सबके लिए चिंता की बात है।
आंदोलन के गैर राजनीतिक स्वरूप को लेकर पवार ने कहा कि पहले दिन ही किसानों ने स्पष्ट कर दिया था कि वे इस आंदोलन में किसी भी राजनीतिक संगठन के साथ जुड़ना नहीं चाहते हैं।
 
बैठक के बाद येचुरी ने कहा कि शरद पवार से मेरी भेंट हुई। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। हमने किसानों के आंदोलन पर चर्चा की। विपक्षी दल हालात पर चिंतित हैं, हमें 30 दिसंबर को उनकी बैठक के नतीजों का इंतजार है और फिर आगे का फैसला करेंगे।
पिछले एक महीने से ज्यादा समय से हजारों किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। मांग पूरी नहीं होने पर आगामी दिनों में उन्होंने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
webdunia

पवार कृषि सुधारों के पक्ष में थे, राजनीतिक दबाव के कारण विफल रहे : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासनकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कृषि मंत्री शरद पवार कृषि सुधार करना चाहते थे, लेकिन 'राजनीतिक दबाव' के कारण इन्हें लागू नहीं कर सके।
 
उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार कोई भी ऐसा फैसला नहीं लेगी जो कि किसानों और गरीबों के लिए नुकसानदायक हो। तोमर नए कृषि कानूनों के प्रति अपना समर्थन जताने आए 11 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे जोकि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर से आए थे।
 
किसान प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के दौरान कही गई बातों का हवाला देते हुए एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुधार के लिए जो भी सकारात्मक कदम उठाए गए हैं, कुछ वर्गों द्वारा उनका विरोध किया गया। हालांकि, यह सुधार देश की तस्वीर बदलने के लिए बेहद सहायक रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार गतिरोध समाप्त करने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के साथ वार्ता कर रही है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

CET : सरकारी नौकरियों के लिए अगले साल आयोजित होगी ऑनलाइन एक्जाम