नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों के जारी विरोध के बीच अडाणी समूह की कंपनी अडाणी एग्री लॉजिस्टिक्स ने स्पष्ट किया है कि कंपनी न तो किसानों से सीधे अनाज खरीदती है, न ही कंपनी ठेका (कांट्रेक्ट) खेती का काम करती है और न ही भविष्य में कंपनी का ऐसा करने का इरादा है।
कंपनी ने एक बयान में विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह किसानों से कोई अनाज नहीं खरीदती, बल्कि वह अनाज के भंडारण की सेवाएं देती है। उसने अनाज भंडारण के लिए जो गोदाम (साइलो) बनाए हैं, वह परियोजना उसने 2005 में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की निविदा के तहत प्रतिस्पर्धी बोली लगाकर हासिल की थी।
वर्ष 2005 में केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार सत्ता में थी। कृषि कानूनों के विरोध के बीच इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं कि नए कृषि कानून उद्योगपतियों के फायदे के लिए लाए गए हैं।
कहा जा रहा है कि इन उद्योगपतियों को पहले से ही जानकारी थी कि सरकार कृषि कानून लाने वाली है इसलिए उन्होंने कृषि क्षेत्र में कारोबार शुरू कर दिया। इस संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में अडाणी एग्री लॉजिस्टिक्स के उपाध्यक्ष पुनीत मेंहदीरत्ता ने कहा, कंपनी कोई ठेका खेती का काम नहीं करती है और न ही भविष्य में कंपनी का ऐसा कोई इरादा है। यह भी गलत आरोप लगाया जा रहा है कि कंपनी ठेका खेती के लिए पंजाब और हरियाणा में जमीन का अधिग्रहण कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा, अदाणी एग्री लॉजिस्टिक्स मात्र अनाज के भंडारण एवं परिवहन का काम करती है, किसानों से सीधे अनाज खरीदने का काम नहीं करती है। भारत में कम से कम एक दर्जन ऐसी कंपनियाँ हैं जो अनाज के भंडारण या परिवहन का काम करती हैं। अदाणी एग्री लॉजिस्टिक्स उन एक दर्जन कंपनियों में से एक है।
मेंहदीरत्ता ने कहा, हमारा काम सिर्फ आधुनिक और विश्वस्तरीय भंडारण एवं परिवहन संबंधी ढांचागत सुविधाएं तैयार करना और उसे चलाना है। इस काम के लिए हमें तयशुदा शुल्क के रूप में राशि मिलती है और उस राशि को प्रतिस्पर्धी निविदा के तहत तय किया जाता है। उल्लेखनीय है कि कंपनी के पंजाब के मोगा में स्थित कृषि गोदाम के बाहर हाल में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया है।
गोदामों और अन्य ढांचागत सुविधा के बारे में मेंहदीरत्ता ने कहा, कंपनी कृषि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में पिछले कई साल से काम कर रही है। अदाणी एग्री लॉजिस्टिक्स देश की पहली एकीकृत भंडारण और परिवहन परियोजना है। इसके लिए निविदा की प्रक्रिया सरकार ने 2005 में पूरी की थी। इसके तहत कंपनी ने विभिन्न राज्यों में सात जगहों पर अनाज भंडारण के लिए गोदाम और रेलवे तक अनाज पहुंचाने के लिए जरूरी ढांचागत सुविधा (रेलवे साइडिंग्स) तैयार की है।
उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए अच्छी बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है और अडाणी एग्री लॉजिस्टिक्स खाद्यान्न भंडारण सुविधाओं का निर्माण पिछले 15 साल से कर रही है और आगे भी करती रहेगी।(भाषा)