भारतीय महिलाओं में इन दिनों ब्रेस्ट कैंसर की शिकायतें बहुत ज्यादा देखने को मिल रही है। डब्लूएचओ के मुताबिक सिर्फ भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में हर साल करीब 2 फीसदी तक बढ़ रहे हैं। डॉक्टर्स भी इसे एक गंभीर और जानलेवा रोग मानते हैं। लेकिन अब एक ताजा रिसर्च में दावा किया गया है कि एक बेहद ही सस्ते इंजेक्शन की मदद से मरीजों की जान बचाई जा सकती है। पिछले 11 सालों से की जा रही इस रिसर्च ने दावा किया है कि ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही महिलाएं सिर्फ 40 से 60 रुपए तक की कीमत वाले इंजेक्शन की मदद से अपना इलाज कर सकती हैं। इससे जान बचने के प्रतिशत में इजाफा होने का दावा किया गया है।
कहां हुई रिसर्च?
ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जिस रिसर्च की इन दिनों चर्चा है, वो मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल की रिसर्च बताई जा रही है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अब इसके मरीजों की जान सिर्फ 40 से 60 रुपए के एक इंजेक्शन से बचाई जा सकेगी। इस रिपोर्ट और रिसर्च की घोषणा इसी महीने 12 सिंतबर को पेरिस में हुए कैंसर सम्मेलन में की गई थी।
कैसे हुई रिसर्च?
टाटा मेमोरियल अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के मुताबिक यह रिसर्च स्तन कैंसर में एक सस्ता और तुरंत लागू करने योग्य इलाज प्रदान करती है। जिसका इस्तेमाल अन्य सर्जन कर सकते हैं। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल कैंसर के प्रभावित हिस्सों को सुन्न करने के लिए पहले लोकल एनेस्थीसिया किया जाता है। सर्जरी से पहले इस इंजेक्शन को ट्यूमर के चारों तरफ दिया जाता है।
1 लाख मरीजों की बचेगी जान
दावा किया जा रहा है कि इंजेक्शन से हर साल 1 लाख लोगों की जान बचाई जा सकेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक इस इंजेक्शन के इस्तेमाल से ब्रेस्ट कैंसर से ठीक होने की दर 5 प्रतिशत तक बढ़ गई है। आमतौर पर सर्जरी के बाद 81 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर ठीक होते हैं, लेकिन इस इंजेक्शन के इस्तेमाल के बाद यह बढ़कर 86 फीसदी हो गया है।
क्या है स्टडी और कैसे किया प्रमाणित?
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इस स्टडी का शीर्षक टुमोरल इंफिल्ट्रेशन ऑफ लोकल एनेस्थेटिक प्रायर टू सर्जरी ऑन सरवाइवल इन अर्ली ब्रेस्ट कैंसर रखा गया है।
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इस स्टडी में देश के 11 कैंसर केंद्र शामिल थे, जिसमें 11 साल का समय लगा।
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स्टडी के लिए 30 से 70 साल की 1600 महिलाओं का चयन किया गया।
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800 महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर का इलाज सिर्फ सर्जरी कर के किया गया।
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800 महिलाओं का इलाज इंजेक्शन सहित सर्जरी करके किया गया।
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दोनों ग्रुप की महिलाओं का रेगुलर फॉलो-अप किया गया।
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इनका प्रोटोकॉल केमो, रेडिएशन आदि किया गया।
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फॉलो-अप के 6वें साल में इंजेक्शन का इस्तेमाल किए मरीजों की जान बचाने में 30% का सुधार देखा गया।
ब्रेस्ट कैंसर पर क्या कहता है WHO?
WHO के मुताबिक, 2010-2019 के बीच भारत में कैंसर के मामलों में हर साल करीब दो फीसदी की वृद्धि हुई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2020 में देश में कैंसर रोगियों की कुल संख्या करीब 14 लाख बताई जा रही है। सभी कैंसरों में ब्रेस्ट कैंसर सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में से एक है। महिलाओं में होने वाले कैंसरों में ब्रेस्ट कैंसर के केस सबसे ज्यादा आ रहे हैं। ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में ये कैंसर बढ़ रहा है। लक्षणों की जानकारी न होना बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह है।
क्या है कैंसर की वजह?
शराब का सेवन, मोटापा, परिवार में कैंसर की हिस्ट्री और खराब लाइफस्टाइल वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा देखे जाते हैं। कीमोथेरेपी के माध्यम से इसका इलाज किया जाता है। गंभीर मामलों में सर्जरी ही अंतिम विकल्प होता है।