Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

लोकसभा और विधानसभा में कितनी हैं महिलाएं, बिल पास हुआ तो कहां कितना फायदा होगा?

हमें फॉलो करें woman reservation bill
, बुधवार, 20 सितम्बर 2023 (12:54 IST)
Women Reservation Bill: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर पक्ष विपक्ष के लगभग सभी दल सहमत नजर आ रहे हैं। हालांकि बिल को लेकर संसद में बहस जारी है। सवाल यह है कि आखिर बिल आ जाने के बाद यह कब तक लागू होगा और महिलाओं को कहां कितना फायदा होगा। इसके साथ ही समझते हैं बिल पास हो जाने के बाद क्‍या होगी राज्‍यों की स्‍थिति।

27 साल से लंबित है बिल : महिला आरक्षण विधेयक को सबसे पहले 1996 में संसद में पेश किया गया था। गीता मुखर्जी की अध्यक्षता में एक जॉइंट पार्लियामेंट्री कमटी ने इस बिल की जांच की थी और सात सिफारिशें की थीं। इसके बाद 1998, 1999 और 2008 में विधेयक को पेश किया गया। 2008 में कमेटी की 7 सिफारिशों में से 5 को विधेयक में शामिल कर लिया गया था। इस मुद्दे पर आखिरी बार 2010 में कदम उठाया गया था। लेकिन कुछ सांसदों के विरोध के चलते यह बिल लोकसभा में पारित नहीं हो सका था।

क्या है महिला आरक्षण बिल : महिला आरक्षण बिल 1996 से ही अधर में लटका हुआ है। उस समय एचडी देवगौड़ा सरकार ने 12 सितंबर 1996 को इस बिल को संसद में पेश किया था। लेकिन पारित नहीं हो सका था। बता दें कि यह बिल 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पेश हुआ था। बिल में संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव था। इस 33 फीसदी आरक्षण के भीतर ही अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए उप-आरक्षण का प्रावधान था। लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं था।

इस बिल में प्रस्ताव है कि लोकसभा के हर चुनाव के बाद आरक्षित सीटों को रोटेट किया जाना चाहिए। आरक्षित सीटें राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन के जरिए आवंटित की जा सकती हैं। इस संशोधन अधिनियम के लागू होने के 15 साल बाद महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण खत्म हो जाएगा।

अभी कितनी है महिलाओं की भागीदारी : आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 78 महिलाएं लोकसभा सांसद हैं, जो कुल संख्या 543 के 15 प्रतिशत से भी कम हैं। जबकि 246 राज्यसभा सीटों में से महिला सांसदों की कुल संख्या 25 है, जो करीब 14 फीसदी है। इसके अलावा राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से भी कम है। इनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, पुडुचेरी, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, गोवा और केरल शामिल हैं।

कहां कितनी सीटें हो जाएगी आरक्षित : अभी महिला बिल को लेकर संसद में बहस चल रही है। महिला आरक्षण बिल संसद में पास हो जाता है और इस लागू कर दिया जाता है तो 33 फीसदी महिलाओं की भागेदारी होगी। लोकसभा की 545 सीटों में से करीब 180 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। जबकि राज्यसभा की 246 सीटों में 82 पर महिलाओं की भागीदारी होगी। जानते हैं राज्यों में क्‍या होगी सीटों की स्‍थिति।
आंध्र प्रदेश में कुल लोकसभा सीट- 25 (महिलाओं के लिए 8 सीट होंगी)
  1. उत्तर प्रदेश- 80 सीटों पर 27 महिलाओं के लिए रिजर्व होंगी
  2. असम- 14 सीटें पर 5 महिलाएं
  3. बिहार- 40 सीटों पर 14 महिलाएं
  4. मध्य प्रदेश- 29 सीटों पर 10
  5. महाराष्ट्र- 48 सीटों पर 16
  6. दिल्ली- 7 सीटों पर 2
  7. छतीसगढ़- 11 सीटों पर 4 महिलाएं
  8. जम्मू-कश्मीर- 5 सीटों पर 2
  9. झारखंड- 16 सीटों पर 5
  10. कर्नाटक- 28 सीटों पर 9
  11. गुजरात- 26 सीटों पर 9 महिलाएं
  12. हरियाणा- 10 सीटों के लिहाज से 4 महिलाएं
  13. हिमाचल- 4 सीटों पर 1 महिला
  14. केरल- 20 सीटों पर 7
  15. ओडिशा- 21 सीटों पर 7
  16. तेलंगाना- 17 सीटों पर 6
  17. उत्तराखंड- 5 सीटों पर 2
  18. राजस्थान- 25 सीटों पर 8
  19. पंजाब- 13 सीटों पर 4
  20. तमिलनाडु- 39 सीटों पर 13
  21. पश्चिम बंगाल- 42 सीटों पर 14 महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।
  22. Edited by navin rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

21 सितम्बर को सीएम शिवराज करेंगे एकात्मता की मूर्ति का अनावरण एवं अद्वैत लोक का शिलान्यास