अथर्व पंवार
प्रकृति के प्रति समर्पण भाव रखने और उसके संरक्षण के लिए हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। प्रशासन के साथ साथ व्यक्तिगत रूप से भी इस दिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हमारे आसपास के नदी,तालाबों,जंगलों,पहाड़ों,पशु-पक्षियों,मिट्टी इत्यादि का संरक्षण करना,ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन से लोगों को जागरूक करना और प्रदूषण रोकने के लिए कदम उठा कर लोगों को उसमें सम्मिलित करना पर्यावरण संरक्षण के ही कार्य माने जाते हैं।
कैसे हुई शुरुआत -
वर्ष 1972 में स्टॉकहोम में संयुक्त राष्ट्र ने पहला वैश्विक पर्यावरण सम्मलेन आयोजित किया था। इसमें 119 देशों ने हिस्सा लिया था। इस सम्मलेन का मुख्य विषय बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण था। भारत की ओर से इस सम्मलेन में इंदिरा गांधी ने नेतृत्व किया था। इसी सम्मेलन में UNITED NATIONS ENVIRONMENTAL PROGRAMME (UNEP) का गठन भी हुआ और प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। भारत की ओर से नेतृत्व कर रही इंदिरा गांधी ने बिगड़ती पर्यावरण की दशा और भविष्य में होने वाले उसके प्रभाव पर व्याख्यान भी दिया था।
जानिए क्या है इस बार की थीम -
प्रति वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है जिसके अनुसार वह मनाया जाता है। यह थीम 2019 में 'वायु प्रदूषण',2020 में 'जैव विविधता',2021 में 'पारिस्थिकी तंत्र (इकोसिस्टम) का संरक्षण' थी और इस वर्ष 2022 में 'सिर्फ एक पृथ्वी' #onlyoneearth है।