गुजरात विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के पूर्व नेता एवं केन्द्रीय मंत्री शंकरसिंह वाघेला के लिए राज्य का यह उत्तरी जिला मेहसाणा जंग का महत्वपूर्ण अखाड़ा बन चुका है।
बाघेला और मोदी दोनों इसी जिले के हैं। इस जिले के अंतर्गत सात विधानसभा चुनाव क्षेत्र हैं। इन चुनाव क्षेत्रों में आगामी 16 दिसंबर को राज्य के दूसरे चरण के चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 1995 में केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए भाजपा के बागियों के साथ हाथ मिलाने वाले वाघेला ने पार्टी से अलग होने के बाद एक नई पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी का गठन किया और अक्टूबर 1996 में कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की कुर्सी हथिया ली थी। इसके बाद वाघेला की पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया था।
इस जिले के लोगों का मानना है कि वाघेला का प्रभाव इन क्षेत्रों में काफी घट गया है। जिले के चौधरी समाज के प्रभावी व्यक्तियों में से एक और वाघेला के प्रति सम्मान रखने वाले विपुल चौधरी का कहना है कि वह थका हुआ, रिटायर्ड मनुष्य है।
उन्होंने बताया कि इस जिले में पटेल और ठाकुर समुदाय के लोगों के समर्थन से भाजपा अपनी बढ़त बनाए हुए है। इन दो समुदायों के लोग पिछले दो दशक से चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। इन दो समुदायों के अलावा क्षेत्र के दो अन्य प्रभावशाली समुदाय चौधरी और ब्राह्मण हैं।
भाजपा ने चुनाव मैदान में अनिल पटेल को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने एक ब्राह्मण नरेश रावल का चयन किया है। उम्मीदार के रूप में रावल के चयन से स्थानीय कांग्रेस सदस्यों में भारी असंतोष है। ये कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नरोत्तम पटेल को चाहते थे।
गौरतलब है कि रावल के परिवार सें अपने पुश्तैनी संबंधों के कारण कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है, लेकिन इससे पार्टी में दरार पड़ गयी है।