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अजा जया एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

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WD Feature Desk

, सोमवार, 18 अगस्त 2025 (09:24 IST)
Aja Ekadashi 2025: हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त 2025, दिन मंगलवार को रखा जाएगा। यह व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है।ALSO READ: कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी कैसे मनाते हैं ?
 
अजा एकादशी का महत्व: अजा एकादशी को बहुत ही पुण्यदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह पापों से मुक्ति देने वाला व्रत है। इस व्रत को विधि-विधान से करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है। 
 
साथ ही इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को अपना खोया हुआ मान-सम्मान, धन-संपत्ति और परिवार वापस मिल जाता है, जैसा कि राजा हरिश्चंद्र को मिला था। यह व्रत व्यक्ति को जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति दिलाता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है यानी मोक्ष की प्राप्ति कराता है। 
 
19 अगस्त 2025, मंगलवार पूजा का शुभ मुहूर्त: 
पंचांग के अनुसार, इस बार 
- भाद्रपद, कृष्ण अजा एकादशी तिथि की शुरुआत 18 अगस्त 2025 को शाम 05 बजकर 22 मिनट पर होगी 
- इसका समापन 19 अगस्त 2025 को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर होगा। 
- चूंकि व्रत उदया तिथि के अनुसार रखा जाता है, इसलिए व्रत 19 अगस्त को ही रखा जाएगा।
- व्रत पारण का समय: व्रत खोलने (पारण) का शुभ मुहूर्त 20 अगस्त 2025 को सुबह 06 बजकर 21 मिनट से 08 बजकर 53 मिनट तक है।
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - दोपहर 01 बजकर 58 मिनट पर। 
 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: कब से होंगे गणेश उत्सव प्रारंभ, क्या है गणपति स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त, मंगल प्रवेश

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