तुलसी विवाह घर में ऐसे ही संपन्न किया जाता है जैसे घर के किसी व्यक्ति का विवाह हो। आइए जानें घर में कैसे करें सरल रीति से तुलसी विवाह....
1. जिन घरों में तुलसी विवाह होता है वे स्नान आदि से निवृत्त होकर तैयार होते हैं।
2. तुलसी के पौधे को अच्छे से सजाते हैं और जिन्हें कन्यादान करना होता है वे व्रत रखते हैं।
3. इसके बाद आंगन में चौक सजाते हैं और चौकी स्थापित करते हैं। आंगन नहीं हो तो मंदिर या छत पर भी तुलसी विवाह करा सकते हैं।
4. इसके बाद साथ ही अष्टदल कमल बनाकर चौकी पर शालिग्राम को स्थापित करके उनका श्रृंगार करते हैं।
5. अष्टदल कमल के उपर कलश स्थापित करने के बाद कलश में जल भरें, कलश पर सातीया बनाएं, कलश पर आम के पांच पत्ते वृत्ताकार रखें, नारियल लपेटकर आम के पत्तों के ऊपर रख दें।
6. अब लाल या पीला वस्त्र पहनकर तुलसी के गमले को गेरू से सजाएं और इससे शालिग्राम की चौकी के दाएं ओर रख दें।
7. गमले और चौकी के आसपास रंगोली या मांडना बनाएं, घी का दीपक जलाएं।
8. इसके बाद गंगाजल में फूल डुबाकर ॐ तुलसाय नमः मंत्र का जाप करते हुए माता तुलसी और शालिग्राम पर गंगाजल का छिड़काव करें।
9. अब माता तुलसी को रोली और शालिग्राम को चंदन का तिलक लगाएं।
10. अब तुलसी और शालिग्राम के आसपास गन्ने से मंडप बनाएं। मंडब पर उस पर लाल चुनरी ओढ़ा दें।
11. अब तुलसी माता को सुहाग का प्रतीक साड़ी से लपेट दें और उनका वधू (दुल्हन) की तरह श्रृंगार करें।
12. शालिग्राम को पंचामृत से स्नान कराने के बाद उन्हें पीला वस्त्र पहनाएं।
13. अब तुलसी माता, शालिग्राम और मंडप को दूध में भिगोकर हल्दी का लेप लगाएं।
14. अब पूजन की सभी सामग्री अर्पित करें जैसे फूल, फल इत्यादि।
15. अब कोई पुरुष शालिग्राम को चौकी सहित गोद में उठाकर तुलसी की 7 बार परिक्रमा कराएं।
16. इसके बाद तुलसी और शालिग्राम को खीर और पूड़ी का भोग लगाएं।
17. विवाह के दौरान मंगल गीत गाएं।
18. इसके बाद दोनों की आरती करें और इस विवाह संपन्न होने की घोषणा करने के बाद प्रसाद बांटें।