3 वर्ष के बाद 12 अगस्त को पुरुषोत्तमी एकादशी व्रत, जानें महत्व

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12 August Purushottami Ekadashi : इस बार तीन वर्ष के बाद पुरुषोत्तमी एकादशी 12 अगस्त 2023, दिन शनिवार को पड़ रही है। यह एकादशी 3 वर्ष में एक बार यानी अधिक मास (मलमास)/पुरुषोत्तम मास में आने वाली एकादशी हैं, जो कि अधिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। आइए जानते हैं इस एकादशी का महत्व-
 
महत्व : धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अधिक यानी पुरुषोत्तम मास के देवता भगवान श्रीहरि विष्णु हैं। यह विष्‍णु जी का प्रिय महीना होने के कारण इस पावन महीने में व्रत, उपवास, पूजन, धार्मिक अनुष्‍ठान, धार्मिक कार्य, दान-पुण्य जैसे कार्य करने पर विशेष जोर दिया जाता है, क्योंकि इन दिनों चातुर्मास और श्रावण मास भी जारी है और यह खास महीने पूजा-पाठ, अनुष्ठान आदि के लिहाज से बहुत ही अच्छे माने गए हैं। 
 
जब देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्‍णु 4 माह के लिए शयन करते हैं, तब सभी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित होने के कारण इन माहों में धर्म के कार्य करना अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। अत: देवउठनी एकादशी के बाद से ही शुभ कार्य आरंभ किए जाते हैं। इसी कारण भगवान श्रीहरि नारायण की विशेष कृपा पाने के लिए अधिक मास में आने वाली एकादशी पर पूजन-अर्चना, साधना, पाठ आदि कार्य करना उचित माना गया है। 
 
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस बार 12 अगस्त, शनिवार को द्वितीय श्रावण अधिक मास की परमा या पुरुषोत्तमी एकादशी मनाई जाएगी। पुरुषोत्तम मास में आने के कारण इसे पुरुषोत्तमी, परमा एकादशी कहा जाता है। 

इसके संबंध में यह माना जाता है कि इस दिन श्री विष्‍णु की पूजा करना सबसे श्रेष्‍ठ होता है, साथ ही भगवान सत्‍यनारायण, भगवान भोलेनाथ की पूजा शुभ फलदायी मानी गई है। यह एकादशी श्री-विष्‍णु-महालक्ष्मी की कृपा से अपार धन-समृद्धि, पुत्र-पौत्रादि सुख देकर पुण्य और वैकुंठ देने वाली मानी जाती है। 
 
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