पूजा विधि : Mohini Ekadashi Puja Vidhi
- वैशाख मास की दशमी तिथि की रात्रि में सात्विक भोजन करें।
- वैशाख शुक्ल ग्यारस के दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर साफ-स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करें।
- फिर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें।
- पूजा स्थल को साफ करके भगवान श्री विष्णु की प्रतिमा स्थापित करके पंचामृत से स्नान कराएं।
- उसके बाद भगवान विष्णु को मौसमी फल, पुष्प-माला, धूप-दीप, नैवेद्य तथा तुलसीदल चढ़ाएं।
- घर के पास पीपल वृक्ष हो तो उसकी जड़ में कच्चा दूध चढ़ाकर उसका पूजन करके घी का दीपक जलाएं।
- भगवान विष्णु के खास मंत्र- ॐ विष्णवे नम: तथा ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का ज्यादा से ज्यादा जाप करें।
- इस दिन एकादशी की कथा अवश्य पढ़ें अथवा सुनें।
- पुन: रात में भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की पूजा-अर्चना करें।
- पूरे दिन भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए व्यतीत करें एवं रात्रि में पूजा स्थल के समीप जागरण करें। - एकादशी के अगले दिन द्वादशी को व्रत खोलें।
- यह व्रत पारण के शुभ मुहुर्त में खोलें।
- इस दिन ब्राह्मण या किसी गरीब को भोजन करवाएं तथा दान-दक्षिणा आदि भेंट दें।
मोहिनी एकादशी के शुभ मुहूर्त 2023 : Mohini Ekadashi Worship Muhurat
मोहिनी एकादशी व्रत : 1 मई 2023, सोमवार
एकादशी तिथि का प्रारंभ- 30 अप्रैल 2023, रविवार को 08.28 पी एम से
एकादशी तिथि की समाप्ति- 01 मई 2023, सोमवार को 10.09 पी एम पर।
1 मई, सोमवार के दिन का चौघड़िया
अमृत - 05.41 ए एम से 07.20 ए एम
शुभ - 09.00 ए एम से 10.39 ए एम
चर - 01.58 पी एम से 03.37 पी एम
लाभ - 03.37 पी एम से 05.17 पी एमवार वेला
अमृत - 05.17 पी एम से 06.56 पी एम
रात का चौघड़िया
चर - 06.56 पी एम से 08.17 पी एम
लाभ - 10.58 पी एम से 2 मई को 12.18 ए एम तक।
शुभ - 01.39 ए एम से 2 मई को 02.59 ए एम तक।
अमृत - 02.59 ए एम से 2 मई को 04.19 ए एम तक।
चर - 04.19 ए एम से 2 मई को 05.40 ए एम तक।
महत्व (Ekadashi Importence)- इस एकादशी के धार्मिक महत्व के अनुसार संसार में आकर मनुष्य केवल प्रारब्ध का भोग ही नहीं भोगता अपितु वर्तमान को भक्ति और आराधना से जोड़कर सुखद भविष्य का निर्माण भी करता है। एकादशी व्रत का महात्म्य भी हमें इसी बात की ओर संकेत करता है। मोहिनी एकादशी व्रत से मोह आदि सब नष्ट हो जाते हैं। संसार में इस व्रत से श्रेष्ठ कोई व्रत नहीं है। इसके माहात्म्य को पढ़ने से अथवा सुनने से एक हजार गौदान का फल प्राप्त होता है।
स्कंद पुराण और अवंतिका खंड में इसका वर्णन मिलता है। स्कंद पुराण के अनुसार मोहिनी एकादशी के दिन समुद्र मंथन में निकले अमृत का बंटवारा हुआ था। स्कंद पुराण के अवंतिका खंड में शिप्रा को अमृतदायिनी, पुण्यदायिनी कहा गया। अत: मोहिनी एकादशी पर शिप्रा में अमृत महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इसलिए कहते हैं- तत सोमवती शिप्रा विख्याता यति पुण्यदा पवित्राय...। अवंतिका खंड के अनुसार मोहिनी रूपधारी भगवान विष्णु ने अवंतिका नगरी में अमृत वितरण किया था। देवासुर संग्राम के दौरान मोहिनी रूप रखकर राक्षकों को चकमा दिया और देवताओं को अमृत पान करवाया। अत: यह दिन देवासुर संग्राम का समापन दिन भी माना जाता है।
मोहिनी एकादशी का पारण समय 2023 : Mohini Ekadashi Parana Time 2023
मोहिनी एकादशी पारण (व्रत तोड़ने का) समय- 2 मई 2023, मंगलवार को 05.40 ए एम से 08.19 ए एम तक।
पारण के दिन द्वादशी तिथि का समापन- 11.17 पी एम पर।
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