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13 अक्टूबर : कमला एकादशी का महत्व, कथा, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, पारण का शुभ समय

हमें फॉलो करें 13 अक्टूबर : कमला एकादशी का महत्व, कथा, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, पारण का शुभ समय
अधिक/ पुरुषोत्तम मास में आने वाली एकादशी का नाम कमला है। यह एकादशी 13 अक्टूबर 2020, मंगलवार को आ रही है। आश्विन मास तथा अधिकमास या पुरुषोत्तम मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मतभिन्नता के कारण परमा एकादशी कहा जाता है।

इस एकादशी का व्रत करने पर मनुष्य कीर्ति प्राप्त करके बैकुंठ को जाता है, जो मनुष्यों के लिए भी दुर्लभ है। एकादशी के दिन इस विधि-विधान से पूजन कर मनुष्य मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।

 
आइए जानें कैसे करें पूजन- 
 
* कमला/ परमा एकादशी करने के लिए दशमी के दिन व्रत का आरंभ करके जौ-चावल आदि का भोजन करें तथा नमक न खाएं। 
 
* एकादशी के दिन मसूर की दाल, चना, शहद, शाक और लहसुन, प्याज के सेवन से बचना चाहिए। 
 
 
* इस दिन दूसरे किसी अन्य का दिया हुआ भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
 
* शास्त्रों के अनुसार पुरुषोत्तम कमला एकादशी के दिन कांसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।
 
* इस दिन मीठे में केवल फलाहार का सेवन ही करना चाहिए।
 
* भूमि पर सोएं और ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। 
 
* एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में शौच आदि से निवृत्त होकर दंतधावन करें और जल के 12 कुल्ले करके शुद्ध हो जाएं।
 
 
* सूर्य उदय होने के पूर्व उत्तम तीर्थ में स्नान करने जाएं। 
 
* इसमें गोबर, मिट्‍टी, तिल तथा कुशा व आंवले के चूर्ण से विधिपूर्वक स्नान करें। 
 
* श्वेत वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु के मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करें।
 
* इस दिन कमला, पद्मिनी एकादशी की कथा अवश्य पढ़ना चाहिए तथा ईश्वर स्मरण करते हुए समय बिताना चाहिए।
 
कमला / परमा एकादशी पूजन का शुभ मुहूर्त
 
 
एकादशी तिथि का प्रारंभ- 12 अक्टूबर 2020, सायं 4.38 मिनट से शुरू होकर 13 अक्टूबर 2020, मंगलवार को दोपहर 2.35 पर एकादशी तिथि की समाप्ति होगी। 
 
पारण का मुहूर्त- बुधवार, 14 अक्टूबर, को सुबह 06. 21 मिनट से 8.39 मिनट तक रहेगा। 

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