Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

दुर्लभ सिद्धियों के लिए परमा एकादशी का व्रत हमारे बताए तरीके से करें

हमें फॉलो करें दुर्लभ सिद्धियों के लिए परमा एकादशी का व्रत हमारे बताए तरीके से करें
12 August Parama Ekadashi Vrat Kaise Rakhen : इस बार 12 अगस्त 2023, शनिवार को सावन अधिक मास की कृष्ण पक्ष की परमा एकादशी मनाई जा रही है। इस एकादशी को पुरुषोत्तमी, कमला, परमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। 

यह एकादशी पुरुषोत्तम मास में पड़ने के कारण इसका महत्व बहुत अधिक माना गया है। यह व्रत मनोकामना पूर्ति और सभी दुर्लभ सिद्धियों को देने वाला माना गया है। पुरुषोत्तम मास की यह एकादशी व्रत का फल कल्पतरू के समान ही माना गया है। यह व्रत नि:स्वार्थ भावना से करने पर जिस भी मनोकामना के साथ व्रत रखा जाता है, वह कामना अवश्‍य पूर्ण होती है।  
 
आइए यहां जानते हैं व्रत करने का खास तरीका- Vishnu jee Worship
 
- अधिक सावन मास की दशमी तिथि की रात्रि सात्विक भोजन लें। 
 
- परमा एकादशी के दिन सुबह व्रत का संकल्प लेकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 
 
- फिर भगवान श्री विष्णु जी की पूजा-अर्चना करें, पूजन के समय का धूप, दीप, पुष्प एवं मौसमी फल तथा नैवेद्य आदि सामग्री एकत्रित करके पूरे मन से उनका पूजन करें। 
 
- भगवान श्री विष्णु को पंचामृत से स्नान कराते समय पूरे मनपूर्वक मंत्र- 'एकादश्यां निराहार: स्थित्वाहमपरेअहनि, भोक्ष्यामि पुण्डरीकाक्ष शरणं मे भवाच्युत' मंत्र का उच्चारण करते हुए विष्णु जी का पूजन-अभिषेक करें। 
 
- एकादशी व्रत में अन्न का सेवन न करें। ना ही किसी की निंदा करें और न ही किसी का दिल दुखाने वाले वचन बोलें।
 
- पूरा दिन व्रत रखें और मात्र एक समय फलाहार लें। 
 
- अधिक सावन मास की एकादशी पर अपना ज्यादा से ज्यादा समय श्रीहरि की भक्ति में व्यतीत करें। 
 
- रात्रि जागरण करते हुए भजन-कीर्तन, मंदिर में दीपदान तथा श्रीविष्णु के मंत्रों का जाप, विष्णुसहस्त्रनाम, श्री विष्‍णु चालीसा आदि का पाठ करते हुए यह समय प्रभु भक्ति में बिताएं। 
 
- अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर स्नानादि से निवृत्त स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करके विष्णु जी का केवल दूध से स्नान करते हुए मंत्र- 'अज्ञानतिमि रान्धस्य व्रतेनानेन केशव, प्रसीद सुमुखो भूत्वा ज्ञानदृष्टिप्रदो भव' का हाथ जोडक़र जाप करें।  
 
- द्वादशी तिथि पर सूर्यदेव को जल चढ़ाकर, ब्राह्मणों को भोजन करवा कर वस्त्र, रुपए-पैसे दान दक्षिणा स्वरूप भेंट दें। 
 
- तत्पश्चात स्वयं पारण करें। 
 
- अपने सामर्थ्य के अनुसार इस दिन गाय को चारा-पानी दें, पितृ तर्पण करें तथा गरीबों को भोजन और अन्य चीजों का दान करें। इस तरह व्रत करने से दुर्लभ सिद्धियों की प्राप्ति होती है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

एकादशी माता की आरती और भगवान विष्णु जी के 12 शुभ नाम