Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Ekadashi 2023: इंदिरा एकादशी के व्रत का महत्व एवं फायदे, पितरों की मुक्ति का खास दिन

हमें फॉलो करें Ekadashi 2023: इंदिरा एकादशी के व्रत का महत्व एवं फायदे, पितरों की मुक्ति का खास दिन
, मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023 (11:30 IST)
Ekadashi october 2023 kab se kab tak hai: आश्‍विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दौरान श्राद्ध पक्ष रहते हैं। इस एकादशी का खासा महत्व है क्योंकि इस दिन पितरों को अधोगति से मुक्ति के लिए जो श्राद्ध कर्म किया जाता है वह तुरंत ही फलदायी होता है।
 
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 09 अक्टूबर 2023 को दोपहर 12:36 से।
एकादशी तिथि समाप्त- 10 अक्टूबर 2023 को दोपहर 03:08 तक।
पारण: 11 अक्टूबर को पारण (व्रत तोड़ने का) समय- सुबह 06:31 से 08:53 के बीच।
 
इंदिरा एकादशी का महत्व- Importance of Indira Ekadashi:-
  1. इस एकादशी पर भगवान शालिग्राम की पूजा की जाती है।
  2. इंदिरा एकादशी के समय श्राद्ध पक्ष चल रहे होते हैं।
  3. पितरों के उद्धार के लिए इंदिरा एकादशी का बहुत महत्व बताया गया है।
  4. इस एकादशी का व्रत करने वाले मनुष्य की सात पीढ़ियों तक के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
  5. स्वयं इस व्रत को करने वाले मनुष्य को भी मोक्ष प्राप्त होता है। 
  6. सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को दूसरी एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए। 
  7. जब-जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब-तब दूजी यानी दूसरे दिन की एकादशी रहती है। इस दिन वैष्णवजन एकादशी रखते हैं।
webdunia
इंदिरा एकादशी | indira ekadashi: आश्‍विन माह में इंदिरा एवं पापांकुशा एकादशी आती है। पितरों को अधोगति से मुक्ति देने वाली इंदिरा एकादशी के व्रत से स्वर्ग की प्राप्ति होती है जबकि पापांकुशा एकादशी सभी पापों से मुक्त कर अपार धन, समृद्धि और सुख देती है। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है, वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उसके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। इंदिरा एकादशी के दिन विधिवत रूप से व्रत करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और वे नया जीवन प्राप्त करते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Indira ekadashi 2023: पितरों को अधोगति से मुक्ति देती है इंदिरा एकादशी, पढ़ें पौराणिक व्रत कथा