उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने के 6 फायदे

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Utpana Ekadashi 2023: मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष के दिन उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखते हैं। अंग्रेंजी कैलेंडर के अनुसार 8 दिसंबर 2023 शुक्रवार को यह उपवास रखा जाएगा। वैष्णवजन 9 दिसंबर को यह व्रत रखेंगे। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाती है तो एकादशी का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है।
 
यदि एकादशी व्रत लगातार 2 दिनों के लिए हो तब स्मार्तजन पहले दिन एकादशी व्रत रखते हैं और दूसरे दिन वैष्णवजन। सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को दूसरे दिन एकादशी का व्रत रखना चाहिए। इस एकादशी के दिन त्रिस्पृशा यानी कि जिसमें एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी तिथि भी हो, वह बड़ी शुभ मानी जाती है। इस दिन एकादशी का व्रत रखने से एक सौ एकादशी व्रत करने का फल मिलता है।
 
  1. यह व्रत निर्जल रहकर करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।
  2. उत्पन्ना एकादशी व्रत करने से हजार वाजपेय और अश्‍वमेध यज्ञ का फल मिलता है।
  3. जो व्यक्ति उत्पन्ना एकादशी का व्रत करता है उस पर भगवान विष्णु जी की असीम कृपा बनी रहती है। इससे देवता और पितर तृप्त होते हैं।
  4. इस व्रत को करने से सभी तीर्थों का फल मिलता है। 
  5. व्रत के दिन दान करने से लाख गुना वृद्धि के फल की प्राप्ति होती है।
  6. इस व्रत को विधि-विधान से निर्जल व्रत करने से मोक्ष वा विष्णु धाम की प्राप्ति होती है।

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