पॉजिटिव की संख्या से डरें नहीं, Corona को रोकने का यही है सही तरीका

Webdunia
बुधवार, 1 अप्रैल 2020 (14:33 IST)
दुनिया की बात हो, भारत की बात हो या फिर इंदौर शहर की बात हो, कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित लोगों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन, बड़ा प्रश्न यह है कि क्या बढ़ते आंकड़े से डरने की जरूरत है? दरअसल, डरना तो बिलकुल भी नहीं चाहिए। इसे रोकने के लिए सबसे बड़ी चीज है सतर्कता, सावधानी और शासन-प्रशासन के साथ पूर्ण सहयोग। क्योंकि जनता के सहयोग के बिना प्रशासन कुछ भी नहीं कर सकता, भले ही उसका तरीका कितना भी सही क्यों न हो। 
 
इंदौर शहर की ही बात करें तो पूरे मध्यप्रदेश की तुलना में यहां कोरोना संक्रमित लोगों की संख्‍या दो गुना से भी ज्यादा है। इसे ऐसे भी देखा जा सकता है कि प्रशासन ने संक्रमित लोगों को समय रहते समाज के बीच से निकाल लिया अन्यथा वे इस संक्रमण को कई गुना बढ़ा भी सकते थे और इससे सैकड़ों दूसरे लोग भी प्रभावित हो सकते थे। 
 
दरअसल, इस वायरस का इससे अच्छा इलाज कुछ हो ही नहीं सकता कि संक्रमित और उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन किया जाए और उनकी उचित देखरेख की जाए। इंदौर प्रशासन इस दिशा में सही कदम उठा भी रहा है।
 
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बुधवार को बताया कि शहर में 20 और पॉजिटिव मिले हैं और संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है। उन्होंने कहा कि संतोष की बात तो यह है कि जिन लोगों के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं, उन्हें हमने पहले से ही क्वारंटाइन करके रखा हुआ था। रिपोर्ट के बाद हमें आगे कार्रवाई करने में काफी मदद मिलेगी। अधिकारी यह भी देखेंगे कि ये पहले पॉजिटिव पाए गए लोगों के परिजन हैं या फिर इनसे संपर्क में आए लोगों की भी तलाश की जाएगी। 
 
सिंह ने कहा कि हमने 200 और सेंपल भेजे हैं और इनमें से भी कुछ पॉजिटिव आ सकते हैं। यह संख्‍या और बढ़ भी सकती है। लेकिन, इससे घबराने की जरूरत बिलकुल भी नहीं है क्योंकि हमने समय रहते लोगों की पहचान की और उन्हें क्वारंटाइन किया। यही इस बीमारी से लड़ने का सही तरीका भी है। यदि संक्रमित लोगों की पहचान कर उन्हें क्वारंटाइन कर देंगे तो वायरस का फैलाव रुक जाएगा।
 
अच्छी बात तो यह है कि अब तक 20 लोग ठीक भी हो चुके हैं। बाकी लोगों को भी ठीक होने के बाद उनके घर भेज दिया जाएगा। सबसे अहम बात तो यह है कि इस बीमारी से लोग ठीक हो जाते हैं, जरूरत बढ़ते संक्रमण को रोकने की है। मरने वालों में ज्यादातर बुजुर्ग ही हैं, जो पहले से अन्य शारीरिक समस्याओं से भी ग्रस्त थे। 
 
उन्होंने कहा कि शहर में कोरोना संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्‍या से आतंकित होने की जरूरत बिलकुल भी नहीं है। शहर में सख्ती से जुड़े प्रश्न पर कलेक्टर सिंह ने कहा कि जनता को समझना चाहिए कि यह सब जनता के भले के लिए ही है। हमें यह भी समझना होगा कि यह वायरस खतरनाक नहीं है, लेकिन इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। उन्होंने कहा कि हमने अनावश्यक आवाजाही को रोकने के लिए अतिरिक्त फोर्स की भी मांग की है। 
 
कलेक्टर सिंह ने कहा कि हमने शहर के कुछ इलाकों को कंटेनमेंट के रूप में चिह्नित किया है, जहां पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जाएगी, ताकि वायरस का फैलाव और न हो। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से भी 2 लोगों के शहर में आने की खबर है, उनकी तलाश जारी है। लोगों के खाने-पीने का भी ध्यान रखा जा रहा है।
 
आपदा से लड़ने के लिए जो लोग दान करना चाहते हैं वे प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष, सीएम राहत कोष के अलावा स्थानीय स्तर पर भी दान कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि यदि इस वायरस को रोकना है तो अपने घरों में रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। क्योंकि बचाव ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। 
 
 
 

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