त्रिलोक विजेता रावण इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू और सभी शास्त्रों का ज्ञाता था। एक बार उसने कैलाश पर्वत को उठाने के प्रयास किया था। इससे ही पता चलता है कि वह कितना बलशाली था। लेकिन वह इन तीन लोगों से हार किया था।
1.रावण सहस्त्रबाहु का युद्ध : नर्मदा नदी के तट पर महिष्मती (महेश्वर) नरेश हजार बाहों वाले सहस्रबाहु अर्जुन और दस सिर वाले लंकापति रावण के बीच एक बार भयानक युद्ध हुआ। इस युद्ध में रावण हार गया था और उसे बंदी बना लिया गया था। बाद में रावण के पितामह महर्षि पुलत्स्य के आग्रह पर उसे छोड़ा गया। अंत में रावण ने उसे अपना मित्र बना लिया था।
2.रावण और बाली का युद्ध : सभी जानते हैं कि देवराज इंद्र का पुत्र और किष्किंधा का राजा बाली जिससे भी लड़ता था लड़ने वाला कितना ही शक्तिशाली हो उसकी आधी शक्ति बाली में समा जाती थी और लड़ने वाला कमजोर होकर मारा जाता था। रावण ने बाली की शक्ति के चर्चे सुनकर उससे युद्ध करने की ठानी लेकिन बाली ने रावण को अपनी कांख में छह माह तक दबाए रखा था। अंत में रावण ने उससे हार मानकर उसे अपना मित्र बना लिया था।